रांची। रिम्स में मंगलवार सुबह से ही 125 नर्सें हंगामा कर रही है। इनका आरोप है कि इन्हें पहले नियमों की अनदेखी कर नियुक्त किया गया। एक महीने काम भी कराया गया। अब जब जिले में कोविड काबू में आ गया, तो इन्हें निकालने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि इन्हें अब काम पर नहीं रखा जायेगा, जबकि नियुक्ति के वक्त इन्हें बताया गया था कि तीन महीने से एक साल तक इन्हें सेवा विस्तार दिया जायेगा। जब इन्हें नियुक्त करनेवाली कंसलटेंसी कंपनी टी एंड एम से संपर्क करने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया। राज्य सरकार ने सोमवार को ही रिटायर होनेवाले डॉक्टरों को कोविड के मद्देनजर छह महीने का सेवा विस्तार दिया। काम से हटाये जाने के बाद मंगलवार सुबह से ही 125 की संख्या में नर्सों ने रिम्स के मेट्रोन कार्यालय के पास हंगामा किया। नर्सों ने कहा कि संकट की घड़ी में हमें आनन-फानन में बहाल कर लिया गया। एक महीने तक काम करवाया गया और अब कहा जा रहा है कि आपकी जरूरत नहीं। विज्ञापन में लिखा गया था कि तीन माह से लेकर अधिकतम एक साल तक के लिए नियुक्ति की जायेगी। उन्होंने कहा कि एक महीना काम करने के बाद भी सैलरी नहीं मिली है। ना ही हमें नियुक्ति पत्र दिया गया है।

749 हेल्थ वर्कर्स की हुई थी नियुक्ति
राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना को काबू में करने के लिए आउटसोर्स पर 749 हेल्थ वर्कर्स की नियुक्ति हुई थी। इनमें स्टाफ नर्स, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग एक साल का अनुभव प्राप्त लैब टेक्नीशियन, वेंटीलेटर टेक्नीशीयन आदि शामिल हैं। इनके लिए 15 हजार से 25 हजार रुपये मानदेय निर्धारित किया गया था। कुछ का आरोप यह भी है कि उस दौरान बिना रिज्यूम देखे इनकी नियुक्ति कर दी गयी थी।

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