नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनावी तैयारियों के लिए सभी आवश्यक कील-पेंच कस दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनावी समर में उतरने से पहले भाजपा नेतृत्व ने रणनीतिक खाका तैयार करने के साथ ही हाल के दिनों में खिसके मत प्रतिशत को हासिल करने के लिए दो टूक शब्दों में अपनी बात रख दी है। केंद्रीय नेतृत्व की मंशा के अनुरुप योगी ने भी सभी आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिया है । इसके साथ ही भाजपा ने ‘मिशन यूपी’ में पूरे दमखम के साथ उतरने का संकेत दे दिया है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद योगी ने ट्वीट कर कहा, “आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या में से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन देने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार।”
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की दृष्टि से बीते दो दिन खासा महत्वपूर्ण रहे। गत गुरुवार को योगी अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत दिल्ली पहुंचे। इन दो दिनों में देश के सबसे महत्वपूर्ण सूबे की सियासी नब्ज को समझने के साथ ही उसके हर मर्ज के इलाज पर चर्चा की गई । सूत्र बताते हैं कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में योगी को सहयोगियों (अपना दल और निषाद पार्टी) के साथ तालमेल को और बेहतर करने तथा उनको तवज्जो दिए जाने की सलाह दी गई । साथ ही शाह ने योगी के साथ बैठक के बाद अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद से भी अलग-अलग चर्चा कर उनका दर्द साझा कर बेहतरी का भरोसा दिलाया।
दिल्ली दौरे के दूसरे दिन योगी ने प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योगी से उत्तर प्रदेश के सियासी हालात की तफ्शील से जानकारी ली और योगी की चुनावी रणनीति से वाकिफ हुए । मोदी-योगी की डेढ़ घंटे की बैठक के दौरान संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल, विधायकों और कुछ सांसदों की शिकायतों को दूर करने, पंचायत चुनाव में खिसके मत प्रतिशत को हासिल करने, सभी जातियों को साथ लेकर चलने और सहयोगी दलों के साथ सहोदर का व्यवहार करने पर ज्यादा जोर दिया गया।
सूत्र बताते हैं कि, भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने अगड़ी जातियों खासकर ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के साथ ही महादलित और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की उन जातियों पर ज्यादा फोकस करने को कहा जो जनसंख्या की दृष्टि से कम हैं किंतु किसी दल के साथ बंधे नही हैं। इसमें कुम्हार, लुहार, बढ़ई, बरई, प्रजापति, नाई जातियां शामिल हैं जो पारंपरिक तौर पर किसी एक दल का वोटबैंक बन कर नहीं रहे हैं। भले ही इन जातियों की मौजूदगी अलग-अलग लोकसभा व विधानसभा सीट पर छिटपुट हो, पर केंद्रीय नेतृत्व ने इन जातियों को तरजीह देकर बूंद-बूंद से घड़ा भरने की रणनीति पर चलने की सलाह दी है। इसके साथ ही ऐसी छोटी पार्टियां जिन्हें अब तक चुनावी सफलता तो नही मिली है पर बड़ों-बड़ो का खेल बिगाड़ने में उनकी भूमिका होती है, उन्हें भी साथ लाने पर सहमति बनी।
शाह, मोदी और नड्डा के साथ योगी की हुई सिलसिलेवार बैठक को उत्तर प्रदेश में मंत्रिंडल विस्तार की संभावनाओं से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा से ठीक एक दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थामा है। वहीं, प्रधानमंत्री के विश्वस्त पूर्व नौकरशाह और उत्तर प्रदेश में भाजपा से विधान परिषद के सदस्य अरविंद कुमार शर्मा भी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए है तथा अमित शाह समेत पार्टी के अन्य नेताओं से भेंट-मुलाकात कर रहे हैं । हालांकि, अभी तक उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं है, किंतु सूत्र बताते हैं कि राज्य के प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार और मजबूत सियासी रसूख रखने वाले जितिन प्रसाद को और शर्मा को इस संभावित विस्तार में शामिल किया जाएगा।