आाजाद सिपाही संवाददाता
रांची। शुक्रवार की घटना के विरोध में शनिवार को रांची पूर्णत: बंद रही। मंदिरों पर हमले के विरोध में हिंदू संगठनों ने रांची बंद बुलाया था। शहर की सारी दुकानें सुबह से ही बंद रहीं। अधिकतर दफ्तर भी बंद रहे। आॅटो और बस नहीं चले। रांची की सड़कें वीरान रहीं। सड़कों पर सिर्फ पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी दिखे। सुबह से ही रांची पुलिस ने अलग-अलग सड़कों पर मोर्चा संभाल रखा था। उधर, शनिवार को मेन रोड में रैफ के जवानों को भी लगा दिया गया। इस एक दिवसीय बंद के दौरान कहीं से कोई हिंसक झड़प या घटना की सूचना नहीं है। शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गयी है। इंटरनेट सेवा शनिवार सुबह तक की जगह अगले आदेश तक बंद कर दी
गयी है।

उधर, शुक्रवार की घटना में पुलिस की फायरिंग में हिंदपीढ़ी के नदी ग्राउंड निवासी कैफी उर्फ मुदस्सिर और लोअर बाजार थाना क्षेत्र के चिश्तिया नगर निवासी मोहम्मद साहिल की मौत हो गयी थी। दोनों मृतकों को शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच परिजनों ने सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।

पथराव और फायरिंग में मारे गये थे दो युवक
मेन रोड में शुक्रवार को निकाले गये प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने जम कर बवाल काटा था। इस घटना में हुए पथराव और फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हैं। कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। उपद्रवियों ने ठेला-खोमचा और वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया था और आगजनी की थी। मेन रोड स्थित संकट मोचन मंदिर पर पथराव भी किया गया था। इसके बाद से शहर की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच कुछ धार्मिक संगठनों ने शनिवार को विरोध में रांची बंद की अपील की थी, जिसका पूरी रांची में जबरदस्त असर देखा गया।

घटना पर एफआइआर दर्ज
शुक्रवार को मेन रोड में तोड़फोड़, पथराव और फायरिंग मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर उपद्रवियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक दो अलग-अलग मामले दर्ज किये गये हैं, जिसमें 500 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है। एफआइआर पुलिस अधिकारी के बयान पर दर्ज हुई है। उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफरों द्वारा खींची गयीं तस्वीरें और ड्रोन कैमरे की तस्वीरों का सहारा लिया जा रहा है। रांची पुलिस का दावा है कि उपद्रवियों की पहचान कर ली गयी है। जल्द ही सभी पर कार्रवाई भी होगी। फिलहाल पुलिस की प्राथमिकता शहर को शांत और सामान्य करना है।

एसआइटी का किया गया गठन
रांची के डीआइजी अनीश गुप्ता ने उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए एक एसआइटी का गठन किया है। इसकी अगुवाई रांची के सिटी एसपी करेंगे। इसमें दो डीएसपी और पांच थानेदारों को रखा गया है। एसआइटी अपना काम शुरू कर चुकी है।

दूसरे जिले से बुलाये गये पुलिसकर्मी
रांची में स्थति को नियंत्रित करने के लिए दूसरे जिले से करीब एक हजार जवान बुलाये गये हैं। रामगढ़, खूंटी, लोहरदगा, गुमला के दारोगा, इंस्पेक्टर को भी तीन दिनों के लिए रांची बुलाया गया है।

सीनियर अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
शहर शांत रहे और स्थिति जल्द सामान्य हो, इसके लिए जिला प्रशासन के सीनियर अधिकारी भी सड़क पर उतरे। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा मेन रोड पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। एसएसपी के मुताबिक, शहर की स्थिति शांत है। जल्द ही उपद्रवियों को पकड़ लिया जायेगा। एसएसपी ने कहा कि शुक्रवार को भी पुख्ता इंतजाम किये गये थे। इसके बाद भी कुछ लोगों ने शहर का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। उन्हें किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जायेगा।

अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील
रांची के डीसी छवि रंजन भी शनिवार को मेन रोड में थे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। शहर अशांत न हो, इसके लिए इंटरनेट सेवा बंद रखने का अनुरोध सरकार से किया गया है। उन्होंने पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू

शहर के लालपुर, पंडरा, कोतवाली, सुखदेवनगर, डेली मार्केट, लोअर बाजार, हिंदपीढ़ी, चुटिया, डोरंडा, कांके, बरियातू और गोंदा सहित 12 थाना क्षेत्रों में अगले आदेश तक निषेधाज्ञा लगायी गयी है। उधर, पहले शुक्रवार शाम को शनिवार सुबह 6 बजे तक के लिए गृह विभाग के सचिव ने इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया था। रांची में इसके बाद से इंटरनेट सेवा बंद होने लगी। मोबाइल सेवा प्रदाताओं द्वारा शुक्रवार रात से इंटरनेट बंद करना शुरू कर दिया गया। बाद में इसे शनिवार सुबह से अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। शुक्रवार की घटना को लेकर शनिवार को धार्मिक संगठनों ने रांची बंद की अपील की थी। रांची में कर्फ्यू तो नहीं लगाया गया, लेकिन शनिवार सुबह से ही अघोषित कर्फ्यू की तरह शहर दिख रहा था।

सुबह से ही अलग-अलग वाहनों में बैठे पुलिस के जवान दुकान बंद रखने और घर में ही रहने की अपील कर रहे थे। बंद का जबरदस्त असर दिखा। छोटे वाहन तक नहीं चले। रांची से दूसरे शहरों के लिए बसें कम चलीं। सिटी बसें बंद रहीं, तो आॅटो भी लगभग नरादर रहे। बाहर से रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर उतरे लोगों को घर तक पहुंचने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। उधर शहर की गलियों तक की लगभग अधिकतर दुकानें बंद रहीं। सड़क किनारे ठेले-खोमचे और सब्जी बेचने वाले भी नजर नहीं आये।

मुख्यमंत्री ने दिये जांच के आदेश, कमेटी गठित
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची में हुए उपद्रव की जांच का आदेश दिया है। इसके लिए दो सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। सीनियर आइपीएस अधिकारी एडीजीपी संजय आनंद लाटेकर और आइएएस अधिकारी अमिताभ कौशल को इस जांच कमेटी में रखा गया है। इन दोनों अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने का आदेश मुख्यमंत्री ने दिया है। कमेटी को यह भी जांच करनी है कि किन परिस्थितियों में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की और उपद्रव के पीछे किसका हाथ है। पुलिस पर्याप्त संख्या में तैनात की गयी थी या नहीं, साथ ही पूरे घटनाक्रम पर भी बारीकी से इन अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट देनी है। रिपोर्ट सुपुर्द होने के बाद सरकार दोषियों पर कार्रवाई करेगी।

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