धमतरी। दो दिनों से लगातार बिना रुके धमतरी में हो रही वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पीडी नाला के पास घुटनों तक पानी भरने के कारण नेशनल हाइवे तालाब जैसे नजर आ रहा है। धमतरी शहर के कई निचले स्थानों पर पानी भर गया है।
धमतरी जिले में मानसून आने के बाद 25 जून को दिनभर हल्की वर्षा होती रही। रात में वर्षा की गति बढ़ी। 26 जून को दिन भर बिना रुके बादल वर्षा करते रहे। रात में वर्षा तेज हो गई। शहर की पानी निकासी व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण कई स्थानों पर वर्षा के जल से सड़कें डूब गई। धमतरी- जगदलपुर नेशनल हाईवे में धमतरी शहर के अंदर पीडी नाला के पास घुटनों तक पानी भरा रहा। पानी भरने के कारण नेशनल हाईवे तालाब में तब्दील हो गया था। प्रतिवर्ष भारी बारिश होने पर पीडी नाला के पास नेशनल हाईवे डूब जाता है। इसके अलावा नेशनल हाईवे में बाम्बे गैरेज के पास भी पानी में डूबा रहा। शहर की भीतरी सड़कें विमल टाकीज रोड, शिव चौक रोड और आमापारा रोड में भी तेज वर्षा होने पर घुटनों तक पानी भरा रहा। स्टेशन पारा की देवार बस्ती में कई घरों में वर्षा का पानी घुस गया, जिससे लोग परेशान रहे। मकेश्वर वार्ड के मकई तालाब के किनारे के कुछ घरों में बारिश का पानी घुस गया। लोग घरों से बारिश का पानी निकालने में व्यस्त रहे। भारी वर्षा से नालियों में पूरी तरह पानी भर गया है। कचरा जाम होने के कारण नालियों का पानी सड़क तक आकर फैलने लगा है। नालियों के आसपास रहने वाले चूहे भारी वर्षा के चलते बाहर निकल आए हैं। पीडी नाला के पास भारी संख्या में चूहे नजर आए।
जिले में औसत से अब 37 प्रतिशत बारिश
जिले में सोमवार को 193 मिमी बारिश हुई, इसमें सबसे अधिक 49.7 मिमी बारिश कुरुद तहसील में तथा सबसे कम 9.5 मिमी बारिश नगरी तहसील में हुई। धमतरी में 27.7 मिमी, मगरलोड में 32.3 मिमी, भखारा में 43.7 मिमी, कुकरेल में 20 मिमी तथा बेलरगांव में 10.3 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जिले में 1 जून से अब तक 491.5 मिमी बारिश हो चुकी है, हालांकि यह औसत वर्षा से सिर्फ 37 प्रतिशत है। जिले में 10 वर्षो की औसत वर्षा के लिहाज से देखे तो अब तक 1324.9 मिमी बारिश औसत होना था।
इस सीजन में सामान्य बारिश का अनुमान
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के साथ पूरे प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून का विस्तार हो गया है। यह सिस्टम 30 जून तक अच्छी बारिश करेगा। वहीं पूरे सीजन की बात करें तो बारिश सामान्य रहेगी। औसत 94 से 104 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। बारिश का यह सामान्य स्तर खेती के लिहाज से बेहतर है क्योकि अधिक बारिश अथवा कम बारिश से खेती को नुकसान होता है। पिछले साल औसत से 40 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी लेकिन वह अनियमित थी। इस साल सामान्य व नियमित बारिश की उम्मीद है।