-पांच सौ करोड़ के हेरफेर में दर्ज है केस
-लखनऊ में तैनात हैं आइआरएस अफसर
आजाद सिपाही संवाददाता
मुंंबई। प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सचिन सावंत के लखनऊ स्थित घर पर बुधवार को छापेमारी की गयी। इडी की टीम ने छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ मुंबई ले आयी। यहां उन्हें मुंबई हाइकोर्ट के सामने पेश किया गया। अदालत ने उन्हें सात दिन की रिमांड पर भेज दिया। इडी की तरफ से अधिववक्ता ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत मांगी गयी। कोर्ट से बाहर लाते वक्त जब सचिन सावंत से मीडिया ने बात करने का प्रयास किया, तो वह हाथ हिलाते हुए कार में बैठ गये। उन्होंने मामले में कुछ नहीं कहने का इशारा किया।
क्या है आरोप
आरोप है कि सचिन सावंत जब मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय में तैनात थे, तब डायमंड कंपनी की पांच सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी में वह शामिल थे। इस मामले में सीबीआइ एफआइआर दर्ज कर चुकी है। इस प्रकरण को लेकर ही इडी की टीम ने उनके लखनऊ और मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की। कहा जा रहा है कि लखनऊ में उनके गोमतीनगर विस्तार स्थित शालीमार विस्टा अपार्टमेंट से टीम ने कई दस्तावेज, बैंक खातों से जुड़ी डिटेल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को कब्जे में लिया है। सचिन सावंत यहीं पर रहते हैं। टीम फ्लैट पर गहन छानबीन करती रही। वहां मिले हर दस्तावेज जांचे गये। सचिन सावंत मुंबई में इडी के डिप्टी डायरेक्टर थे। इस समय वह एडिशनल कमिश्नर कस्टम लखनऊ हैं।
जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने हाइकोर्ट से वापस ली याचिका
रांची (आजाद सिपाही)। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के अधीक्षक हामिद अख्तर ने हाइकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। इडी की कार्रवाई के खिलाफ अधीक्षक हामिद अख्तर ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जेल मैनुअल और अन्य सुरक्षा पहलुओं का हवाला देते हुए उन्होंने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मनी लांड्रिंग केस के आरोपी पंकज मिश्रा और पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के मामले में जांच कर रही इडी ने जेल अधीक्षक की भूमिका को संदिग्ध पाया और उन्हें समन जारी कर एजेंसी के समक्ष 30 जून को उपस्थित होने का निर्देश दिया है।