नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को पटना में हुई विपक्षी पार्टियों की महा बैठक के बाद वक्तव्य जारी कर कांग्रेस के साथ अपनी नाराजगी जाहिर की है। पार्टी का कहना है कि केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस की झिझक और टीम भावना से कार्य करने से इनकार उसकी भूमिका पर संदेह पैदा करती है।

पार्टी ने वक्तव्य जारी कर कहा कि आम आदमी पार्टी किसी ऐसे गठबंधन में शामिल नहीं हो सकती, जिसमें कांग्रेस शामिल हो। कांग्रेस को सार्वजनिक तौर पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आना होगा और राज्यसभा में अपने 31 सांसदों के साथ इसका विरोध करना होगा। ऐसा नहीं होने तक आम आदमी पार्टी सभी एक जैसी सोच वाली पार्टियों की बैठक में शामिल नहीं होगी।

आम आदमी पार्टी ने कहा कि विपक्षी एकता से जुड़ी पटना में हुई महा बैठक में 15 राजनीतिक दलों ने भाग लिया। 15 राजनीतिक दलों में से 12 के पास राज्यसभा में सांसद हैं। इनमें से 11 पार्टियां दिल्ली में स्थानांतरण और नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ हैं। केवल कांग्रेस पार्टी ही अध्यादेश पर रुख स्पष्ट नहीं कर रही है। कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने घोषणा की है कि पार्टी को इस मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करना चाहिए।

आम आदमी पार्टी को इस बात की भनक लगी है कि कांग्रेस इस अध्यादेश को पारित कराने में मदद कर सकती है। पार्टी के सांसद अध्यादेश से जुड़े विधेयक पर मतदान के दौरान सदन की कार्यवाही से नदारद रह सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के लिए यह बड़ा ही उपयुक्त समय है कि वह स्पष्ट करे कि क्या वह दिल्ली की जनता के साथ है या मोदी सरकार के साथ।

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