-बजटीय प्रावधानों के अनुकूल योजनाओं में गति लाएं: हेमंत सोरेन
-जोहार परियोजना पोर्टल को और बेहतर बनाने के लिए कई बदलाव होंगे
मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश:
-योजनाओं की प्रगति और गुणवत्ता का लाइव वेरीफिकेशन होगा
-योजनाओं में ऐसी कोई लापरवाही नहीं बरतें, जिससे गुड गवर्नेंस पर आंच आये
-अधिकारी फील्ड विजिट कर योजनाओं के जमीनी हकीकत की लें जानकारी
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि गुड गवर्नेंस के लिए जरूरी है कि योजनाएं तय समय पर पूरी हों। योजनाओं में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाये। विशेषकर बजट में विभिन्न विभागों के लिए जो बजटीय प्रावधान किये जाते हैं, उसके अनुरूप कार्यों में गति होनी चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को पूरी जवाबदेही और गंभीरता से कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में विभागों के प्रधान सचिव और सचिव के साथ उच्च स्तरीय बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने जोहार परियोजना पोर्टल पर अपलोड योजनाओं की समीक्षा की। हेमंत सोरेन ने कहा कि आज जोहार परियोजना पोर्टल की पहली समीक्षा हुई। इसमें कई बदलाव करने की जरूरत है। इस सिलसिले में आगे जो भी बैठक होगी, उसने मंत्रीगण भी मौजूद रहेंगे, ताकि इसकी हर स्तर पर विस्तृत समीक्षा की जा सके ।
योजनाओं की प्रॉपर मॉनिटरिंग की जरूरत:
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित कई योजनाएं कई विभागों से जुड़ी होती हैं। ऐसे में विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल हो, ताकि उसका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से हो सके। उन्होंने विभागीय सचिवों से कहा कि वे तमाम योजनाओं की प्रॉपर मॉनिटरिंग करें, ताकि उसमें अगर किसी प्रकार का व्यवधान या समस्या आये, तो उसका समाधान निकाला जा सके। इसका यह फायदा होगा कि योजनाएं समय पर पूरी हो सकेंगी।
योजनाओं का लाइव वेरिफिकेशन होगा:
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाएं धरातल पर उतर रही है या नहीं। योजनाओं की प्रगति किस स्तर पर है। गुणवत्ता के साथ कार्य हो रहे हैं या नहीं। इसका अब लाइव वेरिफिकेशन किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी के सहयोग से इसकी व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत तमाम योजनाओं की साइट से उसकी प्रगति की जानकारी ली जाएगी। आप सभी अधिकारी इसके लिए अपनी तैयारी पूरी कर लें।
योजनाओं की टाइमलाइन बनायें:
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तमाम योजनाओं की टाइमलाइन तय करें। इसके तहत योजनाओं को लेकर डीपीआर तैयार करने, टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने, कार्य की शुरूआत और उसके पूर्ण होने का समय निर्धारित हो। अगर योजनाओं में विलंब होता है, तो किस स्तर पर कितना विलंब हुआ, इसकी भी रूपरेखा तय होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे अपनी कार्यशैली में बदलाव लायें और पूरी जवाबदेही के साथ अपने कार्यों को सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को कहा कि वे हर महीने अपना शेड्यूल तय करें। इसमें कम से कम 3 से 4 दिन फील्ड विजिट को शामिल करें, ताकि साइट पर उन्हें तमाम योजनाओं का जमीनी हकीकत मालूम हो। उसके मुताबिक आगे की रणनीति तय की जा सके।
कार्यों में तय मानकों का पालन हो:
हेमंत सोरेन ने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं के लिए जो पाइप लाइन बिछायी जा रही है उसको लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं। जहां पाइपों की क्वालिटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं उसे बिछाने में मानकों का पालन नहीं हो रहा है। इससे जलापूर्ति योजना कैसे सफल होंगी, इसे सहज समझा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पाइप लाइन बिछाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना हो। इसमें जो भी मानक तय किये गये हैं, उसका पूरा पालन किया जाना चाहिए।
अपने विभागों की योजनाओं का आकलन करें:
हेमंत सोरेन ने विभागीय सचिवों को कहा कि वे अपने-अपने विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का आकलन करते हुए उसकी विस्तृत समीक्षा करें, ताकि उसका क्रियान्वयन सही तरीके से हो और तमाम चीजें सुचारू पूर्वक आगे बढ़ सकें। दरअसल कई योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती है। योजनाओं में विलंब से उसकी लागत भी बढ़ जाती है। इसलिए योजनाओं की लगातार निगरानी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की इतनी बड़ी व्यवस्था में योजनाओं के क्रियान्वयन में थोड़ी बहुत गलतियां तो होती ही रहती हैं। लेकिन, इसकी संख्या इतनी ज्यादा नहीं होनी चाहिए कि गुड गवर्नेंस पर असर पड़े। अधिकारियों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर कहीं गलतियां हो रही है, उसका समाधान निकालने की दिशा में त्वरित पहल होनी चाहिए।
जोहार परियोजना पोर्टल पर अपलोड योजनाएं
जोहार परियोजना पोर्टल पर 1138 योजनाओं की जानकारी है। इसमें 931 योजनाओं का शिलान्यास हो चुका है। जबकि, 207 योजनाओं को मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं 595 योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इनमें से जलापूर्ति, कृषि ऋण माफी, फ्लाइओवर, सड़क निर्माण आदि योजनाओं की समीक्षा की।