बेगूसराय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 2030 तक जन केंद्रित समग्र सतत विकास का समावेशी लक्ष्य हासिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा के अनुसार बड़ी पहल कर रही है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कार्यान्वयन के लिए नोडल संस्था नीति आयोग ने विभिन्न मंत्रालयों और उनकी योजनाओं को एसडीजी और लक्ष्यों के साथ मैप किया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह के निर्देशन में पंचायती राज मंत्रालय ‘संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज’ दृष्टिकोण की भावना को आत्मसात करते हुए सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के लिए विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाने का सफल प्रयास कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के नौ एजेंडा में से भारत ने पहला संकल्प ‘गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका पंचायत’ बनाने का लिया है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। पंचायती राज मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों और अन्य प्रासंगिक हितधारकों को सशक्त बनाने के माध्यम से जमीनी स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के लिए 17 एसडीजी लक्ष्यों को नौ व्यापक विषयों में एकत्रित करके विषयगत दृष्टिकोण शुरू किया है।
गरीबी मुक्त पंचायत की अवधारणा है कि सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करें। जिससे कोई भी व्यक्ति गरीब नहीं रहे। ऐसा गांव जहां सभी के लिए आजीविका के साथ विकास और समृद्धि हो। इसका उद्देश्य और लक्ष्य रखा गया है, व्यक्तिगत/सामूहिक उद्यमों के माध्यम से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन स्वयं सहायता समूहों से जुड़े किसान सदस्यों का शत-प्रतिशत बैंक लिंकेज। केन्द्र और राज्य आधारित पोर्टल पर किसानों का शत-प्रतिशत पंजीकरण।
सभी पात्र लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना। रोजगार गारंटी योजना के तहत सक्रिय जॉब कार्ड धारकों को सतत रोजगार उपलब्ध कराना। पीडीएस के तहत सभी पात्र परिवारों का राशन कार्ड सुनिश्चित करना। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का एक सौ प्रतिशत कवरेज। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत पात्र व्यक्तियों का खाता खुलवाना। कौशल विकास प्रशिक्षण संस्थानों और आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षण सुनिश्चित करवाना। सिटीजन चार्टर के अनुसार सभी सेवाएं उपलब्ध कराना।