पुरी। विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ जी की रथयात्रा के लिए शासन-प्रशासन अपनी तरह से तैयारियां करता है। वहीं, विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपना सामाजिक दायित्व पूरा करता है। जहां-जहां भी प्रशासनिक स्तर पर कुछ कमी लगती है, वहां अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से सेवाकार्य में स्वतः जुट जाता है।
मंगलवार से ओडिशा के जगन्नाथ पुरी से शुरू हुई भव्य रथयात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने 8 प्रकार के सेवाकार्य अपने हाथों में लिए हैं। इन सेवा में पूर्ण गणवेश में संघ के 1100 स्वयंसेवक निरंतर काम कर रहे हैं। रथयात्रा के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में भीड़ के बीच से एंबुलेंस निकालने के लिए 500 मीटर का मानवीय रोड बनाया गया है। साथ ही गर्मी आदि से बेहोश होने अथवा घायल होने की स्थिति में लोगों को एंबुलेंस तक तुरंत पहुंचाया जा सके। इसके अलावा अस्पताल में प्राथमिक उपचार, एंबुलेंस सेवा, स्ट्रेचर सेवा, भोजन वितरण, पेयजल वितरण, मोबाइल वाटर ड्रिंकिंग सिस्टम, खोए हुए व्यक्ति की तलाश, रोगी सहायता इत्यादि में जुटे हुए हैं।
संघ के स्वयंसेवक सुबह से शाम तक लगातार सेवा कार्य कर रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। सन् 2005 से ही स्वयंसेवक प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे कई कार्य कर रहे हैं। इन 8 प्रकार की सेवाओं में सबसे प्रमुख यह भी है कि रथयात्रा मार्ग पर प्रशासन 9 दिन तक साफ-सफाई कराता ही है, पर संघ के स्वयंसेवक स्वयं भी उसकी निगरानी करते हैं, प्रशासन से कराते हैं और स्वयं भी स्वच्छता के कार्य करते हैं। भुवनेश्वर, कटक और ब्रह्मपुर सें स्वयंसेवक डॉक्टर उपस्थित रह कर प्राथमिक उपचार कर रहे हैं। इस प्राथमिक इलाज से उन डॉक्टरों का हौसला बढ़ा और उन्होंने 9 दिनों तक सेवा देने का वादा किया।
यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व 19 जून की सायंकाल सरस्वती बाल विद्यामंदिर (घोड़ा बाजार) में संघ के पदाधिकारियों ने सभी स्वयंसेवकों को 8 भागों में विभाजित कर उनके दायित्वों के बारे में समझाया। संघ और विविध संगठनों के कुल मिलाकर 2500 कार्यकर्ता इसी कार्यक्रम में लगे हैं। प्रान्त सेवा प्रमुख शांतनु मांझी, जिला कार्यवाह वामदेव नायक की देखरेख में यह कार्यक्रम चल रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (ओडिशा पूर्व) के प्रांत प्रचार प्रमुख रवि नारायण पंडा ने बताया कि रथयात्रा में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए एक पूरी योजना से स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी गई है। स्वयंसेवक अपने पहचान पत्र के साथ समय-समय पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। साथ ही साथ किसी भी घटना-दुर्घटना से निपटने के लिए हमने पूरे प्रांत के स्वयंसेवकों को तैयार रहने के लिए कहा है।