रांची। हाइकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि रांची में सिर्फ पेयजल के लिए पाइपलाइन बिछाने से कुछ नहीं होगा। जल स्रोतों के पानी को संरक्षित रखने और डैम के कैचमेंट एरिया को बनाये रखने के साथ शहर के जल स्रोतों यथा हिनू नदी, कांके डैम, हटिया डैम, गेतलसूद डैम से अतिक्रमण हटाना होगा। कांके डैम में नाली का पानी अभी भी गिर रहा है। वहीं लगातार गंदगी डाले जाने और अतिक्रमण से हरमू नदी नाले के रूप में बदल चुकी है। कोर्ट ने कहा कि नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाये, जो एक सप्ताह में शहर के डैम में अतिक्रमण और जल स्रोतों में पानी संरक्षित रखना, कैचमेंट एरिया को बनाये रखना आदि विषयों पर बैठक करें और तीन सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान कोर्ट में सशरीर उपस्थित पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एवं नगर विकास के विभाग के सचिव ने कोर्ट को बताया कि रांची शहर में पेय जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने जा रहे हैं। पाइपलाइन के माध्यम से वर्ष 2026 तक 2 लाख घरों को पानी का कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अलावा वॉटर और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर रांची के गंदे पानी की सफाई की जायेगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में सशरीर उपस्थित रांची नगर निगम के प्रशासक ने कोर्ट को बताया कि बड़ा तालाब की स्थाई सफाई के लिए कई एजेंसियों से बात की जा रही है, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बड़ा तालाब की सफाई की जायेगी। कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर के कई इलाके नगरमल मोदी सेवा सदन के आसपास, हरमू के निचले क्षेत्र, थड़पखना आदि जगहों में 2 घंटे की वर्षा के बाद नाली का पानी सड़कों पर आ जाता है और लोगों का आना-जाना मुश्किल रहता है। इस पर कोर्ट ने रांची नगर निगम के प्रशासक से मौखिक कहा कि अभी मानसून आने वाला है। राजधानी में वर्षा होने पर सड़कों पर नल का गंदा पानी आ जाता है। ऐसे में नाले की सफाई कर उसे दुरुस्त रखें, ताकि गंदा पानी सड़क पर ना आये। सुनवाई के दौरान रांची शहर के मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की जांच करने वाले अधिवक्ताओं की कमेटी की ओर से कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। कोर्ट ने रांची नगर निगम को इस रिपोर्ट का अवलोकन कर इस संबंध में लिये गये एक्शन की जानकारी देने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई निर्धारित की है। रांची में जलस्रोतों के संरक्षण और तीन डैम की साफ-सफाई, अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई।