Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, June 7
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राज्य»भाजपा के लिए सबक है बंगाल का जनादेश, हर सीट पर बढ़ा तृणमूल का वोट
    राज्य

    भाजपा के लिए सबक है बंगाल का जनादेश, हर सीट पर बढ़ा तृणमूल का वोट

    adminBy adminJune 5, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    – जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों का अंतर भी घटा
    कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में तो अपना परचम लहराया ही है। इसके साथ ही राज्य की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले पश्चिमी जंगलमहल क्षेत्र में भी बढ़त हासिल करते हुए यहां 29 में से 18 सीट हासिल की हैं। भाजपा उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल में मतुआ पट्टी पर अपना प्रभुत्व बनाए रखने में सक्षम थी, जो राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में भी महत्व रखता है। इसके बावजूद ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने पिछले चुनाव की तुलना में सात अधिक सीट हासिल की हैं।

    तृणमूल ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 29 सीट पर जीत प्राप्त की है जबकि भाजपा ने केवल 12 सीट जीतीं, जो 2019 में उसे प्राप्त सीटों से 6 कम हैं। कांग्रेस केवल एक सीट जीतने में सफल रही जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) पिछले चुनाव की तरह अपना खाता खोलने में विफल रही।

    तृणमूल कांग्रेस ने गंगा के मैदानी इलाकों में 16 लोकसभा सीटों में से 14 सीट जीती हैं। इस क्षेत्र में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिले शामिल हैं। इस क्षेत्र में भाजपा की सीट तीन से घटकर दो रह गईं।

    तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने डायमंड हार्बर में हैट्रिक बनाते हुए 7.10 लाख वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की, जो शायद पिछले कुछ दशकों में पश्चिम बंगाल में जीत का सबसे ज्यादा अंतर है।

    भाजपा को बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की उम्मीद थी, जिसके अंतर्गत संदेशखाली आता है लेकिन उसकी उम्मीदवार रेखा पात्रा को तृणमूल के हाजी नुरुल इस्लाम से लगभग दो लाख वोट से हार का सामना करना पड़ा है।

    इस क्षेत्र में प्रभावी रही तृणमूल कांग्रेस ने सत्ता विरोधी लहर और मौजूदा सांसदों के खराब प्रदर्शन के कारण छह सीट – उत्तर 24 परगना में तीन, दक्षिण 24 परगना में दो और हुगली में एक पर नए उम्मीदवारों को खड़ा किया। साल 2021 के विधानसभा चुनाव में भी, तृणमूल ने 24 परगना के दो जिलों में सभी सीट पर जीत हासिल की थी।

    तृणमूल कांग्रेस ने आदिवासी बहुल पश्चिमी जिलों में भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिन्हें सामूहिक रूप से जंगलमहल के नाम से जाना जाता है। इस इलाके में आठ संसदीय क्षेत्र हैं। भाजपा और तृणमूल ने जंगलमहल में चार-चार सीट जीतीं जबकि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी को 2019 की तुलना में एक सीट का फायदा हुआ। भाजपा को तब झटका लगा, जब केंद्रीय मंत्री और निवर्तमान सांसद सुभाष सरकार बांकुड़ा सीट पर तृणमूल के अरूप चक्रवर्ती से 32 हजार 778 वोटों के अंतर से हार गए। हालांकि, भाजपा उत्तर बंगाल में अपना प्रभुत्व बनाए रखने में सफल रही, जिसमें पहाड़ियां, तराई और डुआर्स शामिल हैं, जहां उसे आठ में से छह लोकसभा सीट पर जीत मिली है।

    कांग्रेस उम्मीदवार इशा खान चौधरी ने मालदा दक्षिण से 1.28 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक कूचबिहार में तृणमूल कांग्रेस के जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया से 39 हजार 250 वोटों से हार गए। जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों के लिए जीत का अंतर भी कम हो गया। दार्जिलिंग में निवर्तमान सांसद राजू बिस्ट की जीत का अंतर 2019 में 4.13 लाख से घटकर 2024 में 1.78 लाख हो गया, जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बालुरघाट सीट केवल 10 हजार 386 वोट से जीती। पिछले चुनाव में वह 33 हजार 293 वोट से जीते थे। दक्षिणी पश्चिम बंगाल में मतुआ बहुल पट्टी में, भाजपा ने बनगांव और राणाघाट दोनों पर जीत हासिल की है। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने 73 हजार 693 वोट के अंतर से जीतकर बनगांव सीट बरकरार रखी। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा पास की कृष्णानगर सीट से 56 हजार 705 वोट से जीत गई हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleपिता अजीत शर्मा की हार से सदमे में हैं एक्ट्रेस नेहा शर्मा, इमोशनल पोस्ट कर बोलीं…
    Next Article नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद से दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति ने किया स्वीकार
    admin

      Related Posts

      प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित प्रमुख नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं

      June 5, 2025

      सेमीकंडक्टर फैक्टरी के लिए बंगाल सरकार ने आवंटित की जमीन

      June 5, 2025

      ‘नक्शा’ वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आज से भोपाल में

      June 5, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री ने चिनाब रेलवे पुल का किया उद्घाटन, वंदेभारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
      • मुख्यमंत्री ने गुपचुप कर दिया फ्लाईओवर का उद्घाटन, ठगा महसूस कर रहा आदिवासी समाज : बाबूलाल
      • अलकतरा फैक्ट्री में विस्फोट से गैस रिसाव से कई लोग बीमार, सड़क जाम
      • लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि
      • लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version