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    Home»Top Story»जीएसटी अधिकारियों को कार्यालय अवधि के बाद बयान देने के लिए नहीं करना चाहिए बाध्य: हाइकोर्ट
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    जीएसटी अधिकारियों को कार्यालय अवधि के बाद बयान देने के लिए नहीं करना चाहिए बाध्य: हाइकोर्ट

    shivam kumarBy shivam kumarJune 17, 2024Updated:June 17, 2024No Comments1 Min Read
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    रांची। हाइकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि किसी व्यक्ति को जीएसटी अधिकारियों को कार्यालय अवधि के बाद बयान देने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए या उन पर दबाव नहीं डालना चाहिए। हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि जीएसटी के नियमों के तहत सक्षम अधिकारी को कार्यालय समय के बाद बयान देने के लिए किसी व्यक्ति को बाध्य नहीं करना चाहिए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपनी बहस के दौरान यह दलील दी कि किसी भी अधिकारी का बयान कार्यालय अवधि के दौरान ही दर्ज किया जाना चाहिए।
    प्रार्थी ने कार्यालय अवधि के दौरान पूछताछ के लिए बुलाया की मांग की थी।
    दरअसल, जीएसटी के अधिकारियों ने जमशेदपुर के शिव कुमार देवड़ा को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। उनसे एक बार पूछताछ भी हो चुकी थी, जिसमें काफी समय लगा था। प्रार्थी के मुताबिक, उनसे देर रात तक पूछताछ की गयी और दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसके बाद उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर यह मांग की कि कार्यालय अवधि के दौरान ही उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाये।

     

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