रांची। जेपीएससी 11वीं की प्रारंभिक परीक्षा में जेपीएससी द्वारा अभ्यर्थी के ओएमआर शीट रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने प्रार्थी को राहत नहीं देते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी। मामले में कोर्ट ने पूर्व में प्रार्थी मयंक कुमार सिंह के लिए पीटी परीक्षा में एक सीट सुरक्षित रखने का आदेश जेपीएससी को दिया था। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार ने पैरवी की। दरअसल, पीटी की परीक्षा के दौरान प्रार्थी ने अपने रोल नंबर भरने वाले गोल स्थान में एक अंक भरने में गलती कर दी थी, जिसे उसने परीक्षा के दौरान सुधार कर दिया था।
जब उक्त परीक्षा का 22 अप्रैल 2024 को पीटी रिजल्ट घोषित किया गया तो आंसर की के अनुसार अभ्यर्थी मयंक कुमार सिंह को अनारक्षित श्रेणी में 292 अंक प्राप्त हुए थे, जबकि कट आॅफ अंक 244 ही था। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया था कि प्रार्थी मयंक कुमार सिंह का पीटी का मार्क्स आंसर की के तहत कट आॅफ मार्क्स से काफी अधिक आया है। हाइपर टेक्निकल ग्राउंड में ओएमआर शीट को रद्द करना अनुचित है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कई जजमेंट का हवाला भी दिया था। बताया था कि इसी तरह के कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया है। उनकी ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि पिछली जेपीएससी परीक्षा और अन्य जेपीएससी परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों ने इसी तरह की गलती को दोहराया था, लेकिन उनका ओएमआर शीट रद्द नहीं किया गया था। वर्ष 2016 में झारखंड सरकार ने भी एक संकल्प जारी किया था, जिसमें जेपीएससी को निर्देश दिया था कि झारखंड सिविल सर्विसेज परीक्षा में टेक्निकल ग्राउंड में परीक्षा आंसर शीट रिजेक्ट ना किया जाये। इसके बाद भी जेपीएससी ने प्रार्थी का ओएमआर शीट रद्द किया है।