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    Home»झारखंड»झारखंड में भाजपा को पलटनी है बाजी तो बदलने होंगे मोहरे
    झारखंड

    झारखंड में भाजपा को पलटनी है बाजी तो बदलने होंगे मोहरे

    shivam kumarBy shivam kumarJune 17, 2024Updated:June 17, 2024No Comments3 Mins Read
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    -हार को लेकर समीक्षा बैठक में कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं के समक्ष खुलकर रखी अपनी बात

    खूंटी। भाजपा का अभेद्य किला और सबसे सुरक्षित समझे जान वाली खूंटी संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा की करारी हार के बाद इसकी समीक्षा को लेकर कार्यकर्ताओं में रार है।

    इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कालीचरण मुंडा ने अर्जुन मुंडा को लगभग डेढ़ लाख मतों से कड़ी शिकस्त दी थी। खूंटी वही सीट है, जहां से पद्मभूषण कड़िया मुंडा आठ बार सांसद रहे हैं। अब तक हुए 18 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सर्वाधिक नौ बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस को चार बार और पांच बार झारखंड प्रत्याशी को यहां से जीत मिली है। खूंटी जैसी सुरक्षित सीट गंवाने और वह भी केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जैसे कद्दावर नेता की बड़े अंतर से हार के बाद भाजपा नेता हार के कारण ढूंढ रहे हैं। इसी को लेकर भाजपा नेताओं ने विधायक कोचे मुंडा के तोरपा के ममरला स्थित आवास में शनिवार को दिन भर मंथन किया था। खूंटी लोकसभा क्षेत्र में पडने वाले सभी छह विधानसभा क्षेखें तोरपा, खूंटी, सिमडेगा, कोलेबिरा, तमाड और खरसावां केे प्रमुख भाजपा कार्यकर्ताओं को बैठक में बुलाया गया था।

    केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भेजे गये करीब तीस बिंदुओं पर कार्यकर्ताओं से भाजपा के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा, पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही ने विधायक कोचे मुंडा, विधाायक नीलकंठ सिंह मुंडा, पूर्व विधायक बिमला प्रधान समेत चुनाव प्रभारियों और संयोजकों से हार के कारणों के बारे में जानारी ली। कार्यकर्ताओं ने सभी सवालों का खुलकर जवाब दिया। समीक्षा बैठक के बाद भाजपा के अंदर राजनीतिक माहौल और गरमा गया। पिछले दो दिनो सं भाजपा कार्यकर्ता समीक्षा

    बैठक के बार में ही चर्चा करते रहे। समीक्षा बैठक को लेकर भाजपा कें समर्पित कार्यकर्ता असंतुष्ट दिखे। कई कार्यकर्ता कह रहे थे समीक्षा बैठक के नाम पर केवल खानापूर्ति की गयी है। कार्यकर्ताओं का कहना था हमने खुलकर हार के कारणों को पार्टी के बड़े नेताओं को अवगतत करा दिया है। कार्यकर्ताओं ने स्प्ष्ट रूप से कहा कि हार के लिए अपने ही लोग जिम्मेदार हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर कार्यकर्ताओं ने बताया कि समीक्षा बैठक में संगठन में बदलाव की मांग हमने की है। नेताओं को स्थानीय कार्यकर्ताओं ने बताया कि संगठन के कई बडे नेता चुनाव के दौरान निष्क्रिय रहे, तो कई नेता पर्दे के पीछे से पार्टी प्रत्याशी को हराने में लगे थे। कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस हार से सबक लेते हुए संगठन में बदलाव नही किया गया, तो विधानसभा में स्थिति और विकट हो सकती है।

     

    -सोशल मीडिया पर खूब हो रही है समीक्षा बैठक की चर्चा

    भाजपा की समीक्षा बैठक की व्हाट्एसप, एक्स, फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी खूब चर्चा हो रही है। भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रभारी रविंद्र राय क बयान पर कई लोगों ने कमेंट किया कि भाजपा को हराने के लिए क्या पाकिस्तान और चीन से विदेशी एजेंसी आये थे। किसी ने कहा कि चुनाव प्रभारी होने के नाते इस हार के लिए नैतिक रूप से लोकसभा प्रभारी, संयोजक से लेकर जिला संगठन तक जिम्मेवार है। लोगों का कहना है कि इसके बाद भी यदि संगठन में फेरबदल नहीं हुआ, तो पांच महीने बाद होनेवाले विधानसभा चुनाव में इसका खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।

     

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