रांची। आलमगीर आलम ने कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है। मंत्री पद से भी अपना इस्तीफा सोमवार को दे दिया था जिसे राजभवन ने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले सीएम चंपाई सोरेन ने उनसे संबंधित सारे विभाग (ग्रामीण विकास, पंचायती राज, संसदीय कार्य) अपने पास ले लिए थे। आलमगीर की इस पहल के बाद अब प्रदेश कांग्रेस के नेताओं सहित सियासी गलियारे में मंत्री पद और विधायक दल के नेता पद को लेकर सस्पेंस शुरू है। कयासों का दौर शुरू है। मंत्री पद के दावेदारों में इरफान अंसारी मजबूती के साथ अपनी लॉबी को मजबूत करने में लगे हैं। चूंकि आलमगीर आलम पाकुड़ (संतालपरगना) से कांग्रेस कोटे से अल्पसंख्यक वर्ग से एक बड़ा चेहरा रहे हैं। ऐसे में इरफान (जामताड़ा) खुद को भी अल्पसंख्यक वर्ग से होने और संताल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व उन्हें दिए जाने की वकालत करते रहे हैं। वैसे मंत्री पद की रेस में दीपिका पांडेय, पूर्णिमा नीरज सिंह, अनूप जयमंगल सिंह, अंबा प्रसाद, उमा शंकर अकेला जैसे विधायक भी हैं।
ये हो सकते हैं विधायक दल के नेता
सूत्रों के मुताबिक, आलमगीर आलम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, मंत्री और विधायक दल के नेता भी थे। ऐसे में उनके बाद इस पद के लिए पार्टी विधायकों में से किसी वरिष्ठ नेता को ही आगे किया जा सकता है। इसमें प्रमुख नाम में से मंत्री रामेश्वर उरांव हो सकते हैं। उरांव पूर्व में सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी वे संभाल चुके हैं। वैसे पार्टी में मंत्री बादल और बन्ना गुप्ता दो- दो टर्म विधायक, मंत्री भी रह चुके हैं। संभव है कि इन पर ही पार्टी दांव खेल ले।
कांग्रेस कोटे की सीट है खाली
गौरतलब है कि चंपाई सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे से चार विधायक मंत्री थे जिनमें से आलमगीर आलम का इस्तीफा हो चुका है। फिलहाल बन्ना गुप्ता (स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन), रामेश्वर उरांव (वित्त, खाद्य आपूर्ति) और बादल (कृषि, पशुपालन, सहकारिता) ही सरकार में बने हुए हैं। अब विधायक दल का नेता कौन हो और मंत्रिमंडल में किसे समायोजित किया जाए, इस पर 12 जून को प्रदेश कांग्रेस की होने वाली एक अहम बैठक में चर्चा हो सकती है। वैसे कहा जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश प्रभारी जीएम मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित अन्य नेता लोकसभा चुनाव में झारखंड में पार्टी के परफॉर्मेंस पर समीक्षा करेंगे। पर यह भी कहा जा रहा है कि विधायक दल के नेता और मंत्री पद को लेकर भी एक राउंड चर्चा हो सकती है। चूंकि इस साल के आखिर तक यहां विधानसभा चुनाव होने हैं सो पार्टी समय रहते इस पर फैसला ले लेगी।
कल्पना के नाम की भी चर्चा
गांडेय उप चुनाव में जीत के बाद सोमवार को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी। अब यह भी माना जा रहा है कि कल्पना को भी मंत्रिमंडल में जरूर शामिल किया जाएगा। अभी चंपाई सरकार में सीएम सहित 10 मंत्री हैं। आलमगीर आलम के इस्तीफे के बाद यह स्थिति बनी है। इसे देखते हुए कांग्रेस कोटे से एक और झामुमो की तरफ से कल्पना को मंत्री बनाया जा सकता है।