राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने की घोषणा की है. कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने मीडिया से बातचीत के दौरान इसे लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चूंकि राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड दोनों लोस सीटों से चुनाव जीते हैं. ऐसे में उन्हें एक सीट छोड़नी होगी. वहीं राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ने का मन बनाया है. खरगे ने कहा कि वायनाड लोकसभा सीट से अब कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी.
इस बार लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली से 3 लाख 90 हजार वोट और वायनाड से 3 लाख 64 हजार मतों से जीत दर्ज की है. रायबरेली में राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह और वायनाड में ए राजा की पत्नी एनी राजा से था. रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार की गढ़ मानी जाती है. रायबरेली से 2019 में सोनिया गांधी सांसद निर्वाचित हुई थी.
प्रियंका गांधी ने वायनाड की जनता को राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने देने का भरोसा दिया. प्रियंका ने कहा कि मैं वायनाड को राहुल की कमी महसूस नहीं होने दूंगी. मैं कड़ी मेहनत करूंगी. मैं एक अच्छी प्रतिनिधि बनूंगी. राहुल के वायनाड सीट छोड़ने और प्रियंका के उपचुनाव लड़ने का फैसला किए जाने के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी भी उपस्थित थी.
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से जीते हैं. नियमानुसार वह केवल एक सीट से सांसद रह सकते थे. राहुल गांधी ने रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला किया है. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून 2024 को घोषित किए गए थे. नियम के अनुसार यदि कोई उम्मीदवार दो सीट से जीत दर्ज करता है तो 14 दिनों के भीतर किसी एक सीट को छोड़नी होती है. ऐसे में राहुल गांधी के पास 18 जून 2024 तक का समय था रायबरेली और वायनाड में किस एक सीट को छोड़ने के लिए. राहुल गांधी ने डेडलाइन से पहले ही 17 जून 2024 को वायनाड सीट छोड़ने का निर्णय कर लिया.