रांची। भाजपा की टिकट पर दुमका से चुनाव लड़नेवाली सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने अपनी हार के लिए भाजपा के नेताओं को जिम्मेदार बताया है। झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन से 22527 वोटों से हार मिलने पर सीता सोरेन ने कहा है कि वह भाजपा के भितरघात से चुनाव हारी हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले हुए सर्वे के मुताबिक दुमका सीट से भाजपा भारी मतों से जीत रही थी। मेरी हार के बाद अब सबके मन में यही सवाल है कि आखिर गड़बड़ी कहां हुई। सीता ने कहा कि पंचायत और प्रखंड लेवल के कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की और बढ़िया काम किया, गड़बड़ी विधानसभा स्तर पर नियुक्त पदाधिकारियों के कारण हुई। चुनाव के लिए बाहर से आये प्रभारियों से भी चूक हुई। ये लोग विपक्षियों के द्वारा मैनेज हो गये और पार्टी के प्रति वफादारी नहीं निभा सके। उनका इशारा पूर्व मंत्री लुइस मरांडी, विधायक रणधीर सिंह और पूर्व सांसद सुनील सोरेन की तरफ है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर भी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में नाकाम होने का आरोप लगाया है। लुइस, रणधीर
और सुनील सोरेन पर भितरघात का आरोप
सीता सोरेन ने कहा कि चुनाव के दौरान विधानसभाओं के प्रभारी उसके साथ खड़े जरूर थे, लेकिन जीत में जितनी मदद करनी चाहिए थी, वो नहीं किये। रणधीर सिंह के सारठ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को 1,07,383 वोट मिले थे, जबकि झामुमो को 1,06,241 वोट। वहीं लुइस मरांडी के दुमका से भाजपा को 89,211 वोट, जबकि झामुमो को 78,778 वोट मिले थे। सीता को सबसे कम वोट जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र में मिला था। सीता सोरेन ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रदेश नेतृत्व दुमका के कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व ने सारी रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है। आने वाले दिनों में भितरघात करने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होगी।
समीक्षा बैठक में भी अंतरकलह सामने आया
उधर भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू और बालमुकुंद सहाय सीता सोरेन कीे हार की समीक्षा करने संथाल पहुंचे थे। दुमका में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान हंगामा भी हुआ। भाजपा की गुटबाजी और अंदरूनी कलह खुल कर सामने आ गयी। कार्यकर्ताओं ने वर्तमान जिलाध्यक्ष गौरवकांत और पूर्व जिलाध्यक्ष निवास मंडल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य साहू ने भी माना कि समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी है कि दुमका में सीता सोरेन भाजपा की कुछ कमियों की वजह से चुनाव हारी हैं।