काठमांडू। नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा ने इस बात पर जोर दिया कि नेपाल और भारत गहरी कनेक्टिविटी और संयुक्त साझेदारी के माध्यम से साझा समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। काठमांडू में गुरुवार को नेपाल-भारत रणनीतिक वार्ता में उन्होंने मजबूत आर्थिक और बुनियादी ढांचे के संबंधों के माध्यम से व्यापार, पारगमन और निवेश संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. राणा ने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की, जहां अदरक जैसे नेपाली उत्पाद 24 घंटों के भीतर भारतीय बाजारों तक पहुंच जाएं और भारतीय पर्यटक एक दिन में दिल्ली से पोखरा के लिए उड़ान भर सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध घनिष्ठ सहयोग और संपर्क की नींव बनाते हैं, जो आपसी समृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं।
सड़क मार्गों, रेलवे, जलमार्गों, हवाई मार्गों और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि निर्बाध कनेक्टिविटी से सीमा पार व्यापार, पारगमन और क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को लाभ होगा। उन्होंने अगले दशक में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली आयात करने की भारत की प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए ऊर्जा सहयोग को एक प्रमुख सफलता के रूप में इंगित किया।
डॉ. राणा ने दोनों देशों से डिजिटल अर्थव्यवस्था, आधुनिक शिक्षा और कौशल विकास पर संयुक्त रूप से ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने तकनीकी केंद्रों और स्टार्टअप में सहयोग के लिए भारत की तकनीकी क्षमता और नेपाल के युवा क्षमता को मजबूत परिसंपत्तियों के रूप में उजागर किया।
नेपाल के हाल के सागरमथा सम्बाद का समर्थन करने के लिए भारत को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के मंच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करेंगे, विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेंगे।