काठमांडू। नेपाल के संसद में बजट सत्र अपने आखिरी दिनों में पहुंच गया है लेकिन इस पूरे सत्र के दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली एक दिन भी संसद में नहीं बोल पाए। प्रधानमंत्री ओली को आज ही एक हफ्ते के लिए विदेश रवाना होना है इसलिए सार्वजनिक अवकाश होने के बाद भी आज सदन बुलाया गया है।

स्पीकर देवराज घिमिरे ने सदन में प्रधानमंत्री के बोलते समय विपक्षी दलों द्वारा हंगामा ना हो उसके लिए शनिवार की सुबह ही सभी दलों के प्रमुख सचेतकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में स्पीकर घिमिरे ने सभी विपक्षी दलों से आग्रह किया है कि वो प्रधानमंत्री के भाषण के समय सदन के भीतर विरोध प्रदर्शन या नाराबाजी न करें और पीएम को सदन में मर्यादित तरीके से बोलने दें।

हालांकि विपक्षी दल राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के प्रमुख सचेतकों ने स्पीकर को उनकी तरफ से विरोध जारी रहने की जानकारी दे दी है। प्रमुख विपक्षी दल माओवादी के पहले ही सरकार को समर्थन देने के बाद अब दो ही विपक्षी पार्टियां सरकार के विरोध में रह गई है।

राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के प्रमुख सचेतक संतोष परियार ने कहा कि चूंकि सरकार की तरफ से उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा है और सदन के भीतर भी स्पीकर का रवैया हमारे प्रति भेदभाव का रहा है इसलिए प्रधानमंत्री के भाषण के समय हमारा विरोध आज भी जारी रहेगा।

राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख सचेतक ज्ञानेन्द्र शाही ने भी कहा कि उनकी पार्टी लगातार सदन की कार्रवाई का बहिष्कार करती आ रही है और आज भी यह बहिष्कार जारी रहेगा। शाही ने बताया कि प्रधानमंत्री की तरफ से कोई भी नई बात नहीं कही जाने वाली है इसलिए उनके बोलने या नहीं बोलने से देश की अवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

प्रधानमंत्री ओली आज ही एक सप्ताह के भ्रमण पर स्पेन जा रहे हैं। उससे पहले वो संसद के बजट सत्र को संबोधित करना चाहते हैं ताकि बजट सत्र में उनका कम से कम एक बार संबोधन हो जाए। उनके लौटने तक बजट सदन से पारित हो गया तो बजट सत्र अंत करने की घोषणा हो सकती है।

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