Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, June 13
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»दुनिया»ईरान ने ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी को प्रतिबंध लगाने पर दी एनपीटी से हटने की चेतावनी
    दुनिया

    ईरान ने ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी को प्रतिबंध लगाने पर दी एनपीटी से हटने की चेतावनी

    shivam kumarBy shivam kumarJune 12, 2025No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    न्यूयॉर्क/तेहरान। ईरान ने परमाणु मुद्दे पर यूरोपीय देशों ( ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी) को चेताया है। उसने चेतावनी दी है कि यदि 2015 के परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले इन देशों ने उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को बहाल किया तो वह कानूनी रूप से परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से हट सकता है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक औपचारिक पत्र में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सईद इरावानी ने पिछली चेतावनी को दोहराया।

    ईरान की सरकारी संवाद समिति इरना की खबर के अनुसार, ईरान के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सईद इरावानी ने कहा कि इस्लामी गणराज्य ”आनुपातिक प्रतिक्रिया” देगा। इस प्रतिक्रिया में “संधि के अनुच्छेद 10 के अनुसार एनपीटी से वापसी की प्रक्रिया शुरू करना” शामिल है। इरावानी की

    यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (ई-3) वियना में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में ईरान के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर एक प्रस्ताव पर मतदान के लिए दबाव डाल रहे हैं। वियना में राजनयिक स्रोतों के अनुसार, मतदान बुधवार को निर्धारित किया गया था, लेकिन समय की कमी के कारण इसे गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

    हाल ही में आईएईए की रिपोर्ट पर आधारित इस प्रस्ताव में ईरान पर कथित ”अघोषित परमाणु गतिविधियों” के लिए यूएन परमाणु निगरानी संस्था के साथ सहयोग न करने का आरोप लगाया गया है। यदि इसे स्वीकार कर लिया जाता है, तो प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यह समझौता संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) का हिस्सा है। ईरान के अधिकारियों ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि आरोप इजराइल के शत्रुतापूर्ण स्रोतों से प्राप्त खुफिया जानकारी पर आधारित हैं।

    सुरक्षा परिषद को लिखे पत्र में इरावानी ने ई-3 के कदमों की निंदा करते हुए इसे कानूनी रूप से निराधार और राजनीतिक रूप से लापरवाह कृत्य बताया। इरावानी ने कहा कि इसके क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर गंभीर रूप से अस्थिर परिणाम होंगे। इस बीच ईरान की संसद ने इस मसले पर राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के प्रशासन का समर्थन करने की घोषणा की है। संसद रे अध्यक्ष मोहम्मद-बकर कलीबाफ ने बुधवार को इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद खुद को परमाणु वार्ता प्रक्रिया की देखरेख के लिए जिम्मेदार मानती है। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ईरान की अप्रत्यक्ष वार्ता का जिक्र करते हुए कहा, “संसद ने वार्ता को आगे बढ़ाने में प्रशासन का समर्थन करने के लिए लक्षित और समयबद्ध तरीके से सार्वजनिक और निजी बैठकों, साथ ही बयानों और भाषणों का उपयोग किया।”

    इरना के अनुसार, इस मामले में रूस का रवैया बेहद अच्छा है। वियना में रूस के स्थायी प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अगर आईएईए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में ईरान के खिलाफ नया प्रस्ताव पारित करते हैं तो यह ”आग से खेलने जैसा होगा।” उन्होंने कहा कि यह मध्य पूर्व को अस्थिर करना जैसा भी होगा।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleभारतीय मूल के डॉ. श्रीनिवास मुक्कमाला चुने गए अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष
    Next Article नेपाल-भारत के बीच कनेक्टिविटी और संयुक्त साझेदारी से ही समृद्धि संभव : विदेश मंत्री डॉ. राणा
    shivam kumar

      Related Posts

      पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी की राजनीतिक सक्रियता से प्रधानमंत्री ओली नाराज

      June 12, 2025

      आईएमएफ ने नेपाल के आर्थिक सुधारों के लिए 42.7 मिलियन डॉलर को मंजूरी दी

      June 12, 2025

      नेपाल-भारत के बीच कनेक्टिविटी और संयुक्त साझेदारी से ही समृद्धि संभव : विदेश मंत्री डॉ. राणा

      June 12, 2025
      Add A Comment
      Leave A Reply Cancel Reply

      Recent Posts
      • एअर इंडिया के विमान की बम की धमकी के बाद थाईलैंड में आपात लैंडिंग
      • एयर इंडिया विमान दुर्घटना के राहत कार्यों में हर संभव मदद करेगी रिलायंस: अंबानी
      • शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में गिरावट, सेंसेक्‍स 769 अंक लुढ़का
      • रांची में अब पब्लिक प्लेस में शराब पीना पड़ेगा भारी, पकड़े जाने पर एक लाख तक का जुर्माना
      • अपील खारिज, हाई कोर्ट ने जेपीएससी पर लगाया एक लाख का जुर्माना
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version