नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता ने मौसम को सुहावना बना दिया है। राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में शनिवार को हुई झमाझम बारिश ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत दिलाई। दिल्ली में सामान्य समय से लगभग तीन दिन पहले मानसून के दस्तक देने से शहरवासियों को गर्मी से निजात मिली। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले कुछ दिनों तक देश के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है।
आईएमडी ने रविवार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों के लिए विस्तृत मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। असम, मेघालय, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पंजाब, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, तटीय कर्नाटक, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, झारखंड, केरल और माहे में भी भारी बारिश का अनुमान है।
मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पश्चिमी राजस्थान में बिजली चमकने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। तटीय कर्नाटक, पूर्वी राजस्थान, आंतरिक कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चल सकती हैं। इसके साथ ही, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, झारखंड, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पंजाब, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और विदर्भ में बिजली गिरने के साथ तूफान की आशंका है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तथा सौराष्ट्र और कच्छ में तेज सतही हवाएं चलने की संभावना है, जबकि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में गर्म और आर्द्र मौसम रह सकता है। समुद्री क्षेत्रों में भी तूफानी हवाओं का अनुमान है।
बिहार में रविवार को सात जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, किशनगंज, अररिया, भागलपुर, बांका और कटिहार में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इन जिलों में बिजली गिरने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का येलो अलर्ट भी है। शनिवार को बिहार के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जिसमें जमुई जिले में भारी बारिश हुई। अरवल में 74 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। राज्य का सबसे अधिक तापमान गोपालगंज और बिक्रमगंज में 35.5 डिग्री सेल्सियस, जबकि सबसे कम तापमान दरभंगा में 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना में शनिवार को 8.6 मिलीमीटर बारिश हुई, जिससे शहर का अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री और न्यूनतम 26.6 डिग्री सेल्सियस रहा। रविवार को भी पटना में बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभवना है।
राजस्थान में भी मानसून की गतिविधियां जोरों पर हैं। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने रविवार सुबह 8:30 बजे एक तात्कालिक चेतावनी जारी की, जिसमें बारां, झालावाड़ और सिरोही जिलों में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश, कुछ स्थानों पर भारी बारिश और 30-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई। उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और कोटा जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और 20-30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने का येलो अलर्ट है। पिछले 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान के कई स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई, जिसमें माउंट आबू (सिरोही) में 190 मिलीमीटर और भीलवाड़ा में 175 मिलीमीटर बारिश हुई। पश्चिमी राजस्थान के बालेसर (जोधपुर) में 77 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। राज्य का सर्वाधिक अधिकतम तापमान श्रीगंगानगर में 42.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
छत्तीसगढ़ में भी मानसून की सक्रियता देखी जा रही है, हालांकि अगले तीन दिनों तक मानसून की रफ्तार धीमी रहने की संभावना है। रविवार को सरगुजा सहित उत्तरी छत्तीसगढ़ के 10 जिलों और दक्षिण छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में बिजली गिरने और मेघगर्जन का येलो अलर्ट जारी किया गया है। रायपुर, दुर्ग और बेमेतरा जैसे मध्य छत्तीसगढ़ के जिलों में मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है। शनिवार को सरगुजा संभाग में औसतन 70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसमें कुनकुरी में 160 मिलीमीटर और कुसमी में 150 मिलीमीटर बारिश हुई। पिछले छह दिनों में राज्य में 22.69 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई है। जून में अब तक छत्तीसगढ़ में 41 मिलीमीटर औसत बारिश हुई, जो सामान्य 81 मिलीमीटर से काफी कम है। बलरामपुर जिले में सामान्य से अधिक बारिश हुई, जबकि दंतेवाड़ा में सामान्य बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाले कम दबाव के क्षेत्र और चक्रवातों के कारण मानसून की गतिविधियां तेज होती हैं। इस बार भी ऐसा ही देखा जा रहा है। मई में छत्तीसगढ़ में 373 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी, जिसके बाद मानसून की प्रगति धीमी पड़ गई। तापमान की बात करें तो इस साल जून में अधिकतम तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, जो पिछले साल के 45.7 डिग्री सेल्सियस से कम है।