सहरसा। सदर अस्पताल, सहरसा में विधायक आई पी गुप्ता ने रविवार को एंबुलेंस चालकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। चालकों ने राज्य स्तरीय एजेंसी द्वारा किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न और भुगतान में मनमानी की आपबीती सुनाई।
विधायक श्री गुप्ता ने चालकों की बात सुनने के बाद इसे एजेंसी द्वारा की जा रही लूट और लापरवाही का गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने घोषणा की कि वह इस विषय को जल्द ही विधानसभा में उठाएंगे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि उनका काम जनता के हितों की रक्षा करना और सामाजिक सरोकार के मामलों को उठाना है। उन्होंने कहा, “यहां के गरीब जनता के हक-हकूक के लिए मैं सतत आवाज उठाऊंगा।“
उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल केवल रेफर सेंटर नहीं है, यहां गरीब मरीजों का सही इलाज होना चाहिए। डाक्टर और कर्मी अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करें, अन्यथा गरीब को सताने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
विधायक ने एंबुलेंस चालकों के शोषण के साथ ही एक और गंभीर रैकेट का पर्दाफाश करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि चालकों की मिलीभगत से मरीजों को बड़े-बड़े निजी अस्पतालों में ‘बेच’ दिया जाता है, जिसके कारण गरीब मरीज कर्ज के दलदल में फंसकर अपनी जमीन और घर तक बेचने को मजबूर हो जाते हैं। इस अवैध कारगुजारी पर उन्होंने कठोर चेतावनी देते हुए कहा, “मैं इसके विरुद्ध होकर आवाज उठाऊंगा। एम्बुलेंस चालक, सहायक, मेडिसिन स्पेशलिस्ट और एजेंसी मालिक, ये पांचों मिलकर यदि ऐसा करते पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार करवाकर जेल भेजा जाएगा।”
सदर अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट को फिर से चालू कराने के लिए भी उन्होंने जिला अधिकारी से बात करने की घोषणा की।
चालकों ने बताया कि सदर अस्पताल के तहत कुल 34 एंबुलेंस हैं, जिसमें 134 चालक कार्यरत हैं। उन्हें 545 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान होता है, लेकिन महीने में सिर्फ 26 दिन का ही पैसा दिया जाता है। साथ ही 12 घंटे प्रतिदिन काम लिया जाता है, जो श्रम कानून का उल्लंघन है। विधायक ने श्रम अधीक्षक से बात कर इस समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया कि पेशेंट बेचने की बात सामने आई तो वह किसी को नहीं बख्शेंगे। उन्होंने भावनात्मक लहजे में कहा, “मेरा जान सर कलम हो जाए, लेकिन मैं गरीबों की आवाज को उठाता रहूंगा।“

