काठमांडू। उत्तरी पड़ोसी चीन की दस दिवसीय यात्रा से लौटने के कुछ दिनों बाद पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय हो गई हैं। राजनीति में अपनी सक्रियता के लिए अभियान शुरू करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और नेकपा एमाले अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के गृह जिला को चुना, जिससे ओली ने अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जाहिर की है।

पूर्व राष्ट्रपति भंडारी ने सीपीएन-यूएमएल की नेता के रूप में अपनी उत्तर की यात्रा पूरी करने के बाद तुरंत झापा की यात्रा की। उनकी सक्रियता से नाराज ओली ने पार्टी कैडर और नेताओं को सख्त हिदायत दी है। ओली ने पिछले दिनों कई बार अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि पार्टी के बाहर के व्यक्ति को पार्टी के बैनर पर कार्यक्रम कराना उचित नहीं है। भंडारी की सक्रिय राजनीति में वापसी के लिए पार्टी के कई नेता पैरवी कर रहे हैं। हालांकि, भंडारी ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन उन्होंने बहुत सारे संकेत दिए हैं कि वह जल्द ही राजनीति में लौटेंगी।

भंडारी 2015 में देश की राष्ट्रपति बनने से पहले नेकपा एमाले की निर्वाचित उपाध्यक्ष थीं। उन्होंने वैश्विक सभ्यता पहल के चौथे संस्करण में भाग लेने के लिए 24 मई से 2 जून तक उद्योग मंत्री दामोदर भंडारी सहित यूएमएल नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए चीन का दौरा किया था। चीन की यात्रा करने से पहले उन्होंने गंडकी, कोशी और लुम्बिनी जैसे प्रांतों का दौरा किया, जहां उन्होंने राजनीतिक बैठकें कीं। नेताओं के एक समूह में स्थायी समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने पहले ओली का समर्थन किया था, लेकिन अब उनसे असंतुष्ट हैं। इनमें कर्ण थापा, गोकुल बास्कोटा, कृष्णा राय, बिनोद ढाकल और कृष्णा दहाल शामिल हैं। इन सभी ने खुले तौर पर भंडारी की सक्रिय यूएमएल राजनीति में वापसी का समर्थन करके मांग की है कि भंडारी को पार्टी महाधिवेशन में अध्यक्ष पद पर उम्मीदवारी देनी चाहिए।

नेपाल और चीन मामलों के जानकर और पूर्व प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार रूपक सपकोटा ने कहा कि जब कुछ पार्टी नेता भंडारी को अपना संभावित नेता बनाने की पैरवी करते हैं, तो चीन ने भी उन्हें यूएमएल के संभावित प्रमुख के रूप में भ्रमण कराया है। सपकोटा का मानना है कि चीन ने भंडारी को पार्टी के संभावित नेता के रूप में नामित करने के बाद उनसे जुड़ने की कोशिश की। पूर्व राष्ट्रपति भंडारी ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के पूर्व वो यूएमएल की उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया ही है और वो पार्टी के तरफ से राष्ट्रपति की उम्मीदवार बनी थी। उन्होंने कहा “मुझे व्यापक मान्यता प्राप्त है और मैं समाज के विभिन्न क्षेत्रों से परिचित हूं। उस दृष्टिकोण से, मुझे देश की यात्रा करने के लिए सीपीएन-यूएमएल समितियों या नेताओं से अनुमति की आवश्यकता नहीं है।”

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