रावलपिंडी (पाकिस्तान)। आतंकवाद निरोधक अदालत ने आज पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ा दी। अदालत ने उन्हें यह राहत 26 नवंबर के विरोध प्रदर्शन से संबंधित मामलों में प्रदान की।

दुनिया न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, न्यायाधीश अमजद अली शाह ने पूर्व प्रथम महिला के खिलाफ 12 मामलों की सुनवाई की और उनकी उपस्थिति को अदालत के नोटिस के माध्यम से दर्ज किया। अदालत ने सुनवाई 10 जुलाई तक स्थगित करते हुए अगली तारीख पर सभी मामलों के लिए पुलिस से आरोप पत्र भी तलब किया है। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वकीलों को अगली सुनवाई पर अपनी दलीलें पेश करने का निर्देश भी दिया है।

इस बीच, आतंकवाद निरोधी अदालत ने जीएचक्यू हमले और 09 मई के मामलों की सुनवाई भी 03 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। इस सप्ताह की शुरुआत में लाहौर हाई कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 09 मई, 2023 की घटनाओं से संबंधित आठ मामलों में जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति सैयद शाहबाज अली रिजवी की अध्यक्षता वाली लाहौर हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने पीटीआई संस्थापक इमरान खान की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की।

उनके वकील बैरिस्टर सलमान सफदर ने तर्क दिया कि मामले राजनीति से प्रेरित थे और याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश होने के समय एनएबी की हिरासत में था, उसे बाहर की स्थिति के बारे में पता नहीं था। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने दंगों की निंदा की है और अदालत से गिरफ्तारी के बाद जमानत देने का अनुरोध किया है।

अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि 09 मई की घटनाएं पूर्व नियोजित साजिश का परिणाम थीं। उन्होंने दावा किया कि पीटीआई संस्थापक के निर्देश पर सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। अभियोजन पक्ष ने आरोप के समर्थन में सबूत पेश किए। सभी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और बाद में आठ मामलों में इमरान खान की जमानत खारिज कर दी।

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