“देश में पहली सोलर पैनल वाली डीईएमयू (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन शुक्रवार से चलने लगी है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन के जरिए हर साल 21 हजार लीटर डीजल की बचत की जा सकेगी। इस ट्रेन के एक कोच में 89 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। ”
यह सोलर ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फरुखनगर तक चलेगी। ट्रेन में दस कोच हैं। दस में से दो मोटर और आठ पैसेंजर कोच हैं। इस ट्रेन की कुल लागत 13.54 करोड़ रुपये बताई गई है। गाड़ी के पैसेंजर कोच बनाने में एक करोड़ की लगात आई है, जबकि मोटर कोच के निर्माण में 2.5 करोड़ खर्च बताया गया हैं। इसके अलावा प्रत्येक सोलर पैनल पर 9 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
हर कोच में एक डिस्प्ले बोर्ड लगा है। सामान रखने के लिए रैक भी बनाए गए हैं. सोलर ट्रेन के प्रत्येक कोच में 300 वॉट के 16 सोलर पैनल लगाए गए हैं। रात में इस्तेमाल के लिए सोलर पैनल से तैयार बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाएगा। इस ट्रेन का निर्माण चेन्नै की इंटेगरल कोच फैक्टरी में हुअा है।
इस ट्रेन से प्रत्येक वर्ष
21 हजार लीटर डीजल की बचत हो पाएगी। इससे रेलवे को हर साल
12 लाख रुपये की बचत होगी। प्रत्येक कोच के हिसाब से प्रत्येक वर्ष नौ टन कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। शकूर बस्ती वर्कशॉप में इस तरह के
24 और कोच बनाए जा रहे हैं,
जो अगले छह महीने में तैयार हो जाएंगे। इस तरह से यह ट्रेन पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगी।