ओसामा बिन लादेन और हाफिद सईद के खास दोस्त नवाज शरीफ को अरबों रुपयों के भ्रष्टाचार में दोषी करार होने पर आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा। शरीफ और उनके भाई शाहबाज शरीफ पर आरोप है कि एक तरफ तो उन्होंने धर्म के नाम पर अरब देशों से लगातार मिल रही विशाल धनराशि न केवल खुद खाते रहे बल्कि उससे आतंकी संगठनों का पेट भरते रहे और दूसरी ओर अमेरिका से आतंक से निपटने के नाम पर मिलने वाले करोडों डॉलर की मदद को भी सालों साल डकारते रहे। यही पाप की कमाई नवाज शरीफ और उनके बच्चों के लिए फंदा साबित हुई।
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ को संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य ठहराया। इन अनुच्छेदों के अनुसार, ससंद के सदस्य को ईमानदार और इंसाफ पसंद होना चाहिए। न्यायमूर्ति खान ने कहा, वह संसद के सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहराए जाते हैं इसलिए वह प्रधानमंत्री कार्यालय में बने रहने के योग्य नहीं रह गए। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद शरीफ ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) को भी आदेश दिया कि वह शरीफ, उनके बेटों हुसैन एवं हसन और बेटी मरियम के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला शुरू करें। उसने यह भी आदेश दिया कि छह सप्ताह के भीतर मामला दर्ज किया जाए और छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार वित्त मंत्री इसहाक डार और नेशनल असेंबली के सदस्य कैप्टन मुहम्मद सफदर को भी पद के अयोग्य ठहराया।
ख़बरों के अनुसार नवाज शरीफ के बाद उनके भाई शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद को संभालेंगे। नवाज शरीफ का गद्दी से हटना कहीं न कहीं भारत के लिए लाभदायक रहा है। वो न सिर्फ अपने देश में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भ्रष्टाचार कर रहे थे। नवाज शरीफ पर कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने का आरोप है।
पनामा पेपर्स का ये है पूरा मामला
यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे। शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ। इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है। इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं।
नवाज पर लग चुका है ओसामा बिन लादेन से पैसे लेने का आरोप
नवाज पर आरोप है कि उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने के लिए आतंकी ओसामा बिन लादेन से पैसे लिए थे। पाकिस्तान को लगातार पाक साफ बताने वाले शरीफ पर लगाया गया यह आरोप बेहद गंभीर है। नवाज पर ओसामा से पैसे लेने का आरोप और किसी ने नहीं बल्कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने लगाया था। पार्टी के शीर्ष नेता इमरान खान इस मसले पर लगातार नवाज शरीफ से इस्तीफा मांग रहे थे।
एक पूर्व आईएस आई खालिद ख्वाजा जिनकी पाकिस्तानी तालिबान ने 2010 में हत्या कर दी थी, की पत्नी शमामा खालिद ने एक किताब लिखी थी- ‘खालिद ख्वाजा: शहीद-ए-अमाम। इस किताब में उन्होंने नवाज शरीफ के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ओसामा से पैसे लिए जाने की बात लिखी थी। यह बात 1980 की है। इसी किताब का हवाला देते हुए इमरान खान लगातार नवाज शरीफ पर निशाना साधते रहे हैं। किताब की मानें तो शरीफ ने ओसामा से करीब 1.5 बिलियन रुपये लिए जिससे वह भारत में आतंकी गतिविधियों को हवा दे सके।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की कुर्सी के अगले दावेदार नवाज शरीफ के भाई शेह्बाज शरीफ पर भी कुछ इसी तरह के आरोप हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने अपने एक बयान से तब तहलका मचा दिया था जब उन्होंने तालिबान से पंजाब प्रांत पर हमला न करने की अपील की थी। इसके लिए उन्होंने यह दलील दी थी कि उनकी पार्टी का तालिबानी लड़ाकों ने कई बातों का समर्थन किया है। नवाज शरीफ पर आरोप है कि उन्होंने जमात-उद-दावा को दान के रूप में करीब 6 करोड़ रुपये दिए थे। यह वही संगठन है जिसने 26/11 के मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम दिया था।