देश में अनधिकृत इलेक्ट्राॅनिक बैंक लेन-देन में धोखाधड़ी करना अब उतना आसान नहीं होगा। RBI की आेर इस पर बहुत ही सख्त कदम उठाते हुए नए नियम तैयार किए गए है। इस बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इलेक्ट्राॅनिक लेन-देन में धोखाधड़ी के मामले में अगर तीन दिन के भीतर पूरी जानकारी दे दी जाती है, तो ग्राहकों को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा और रकम संबंधित ग्राहकों के खाते में 10 दिन के अंदर आ जाएगी।

RBI ने हिदायत दी है की इलेक्ट्राॅनिक बैंक लेन-देन में धोखाधड़ी के मामले में अगर रिपोर्ट चार से सात दिन की देरी से की जाती है, तो ग्राहकों को 25,000 रुपए तक का भुगतान भी वषय करना पड़ेगा,अगर धोखाधड़ी के बारे में रिपोर्ट सात दिन बाद की जाती है, ग्राहक की देनदारी बैंक के निदेशक मंडल द्वारा मंजूरी नीति के तहत ही की जाएगी। ऐसे मामलों में बचत बैंक खाता धारक की अधिकतम देनदारी तकरीबन 10,000 रुपए होगी।

RBI ने ग्राहक सुरक्षा, अनाधिकृत इलेक्ट्रानिक बैंक लेन-देन में ग्राहकों की सीमित देनदारी (कस्टमर प्रोटेक्शन लिमिटिंग लाइबिलिटी आफ कस्टमर्स इन अनाथोराइज्ड इलेक्ट्रानिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन) पर संशोधित नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि अनधिकृत लेन-देन के बारे में रिपोर्ट करने के बाद अगर कोई नुकसान होता है, उसकी पूरी भरपाई बैंक करेंगे।

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