प्योंगयांगः उत्तर कोरिया ने एक और इंटरकांटिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। एक महीने में ऐसा यह दूसरा परीक्षण है। अमरीकी सेना ने कहा कि शुक्रवार रात इस मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया। यह 45 मिनट में लगभग एक हजार किलोमीटर दूर तक पहुंची।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मिसाइल की लगभग दस हजार किलोमीटर मारक क्षमता है और इससे अमरीका के लॉस एंजेलस और अन्य शहरों को निशाना बनाया जा सकता है।
नॉर्थ कोरिया का दावा है कि अब पूरा US उसके मिसाइलों की जद में आ गया है। प्योंगयांग की आधिकारिक मीडिया का दावा है कि यह ताजा मिसाइल पूरे अमेरिका पर हमला करने में सक्षम है।
प्योंगयांग की आधिकारिक मीडिया का दावा है कि यह ताजा मिसाइल पूरे अमेरिका पर हमला करने में सक्षम है। नॉर्थ कोरिया का कहना है कि इस मिसाइल परीक्षण को अमेरिका के लिए सख्त चेतावनी के तौर पर देखा जाना चाहिए। उत्तर कोरिया के करीबी सहयोगी चीन ने हालांकि अपने रुख में थोड़ी तब्दीली दिखाते हुए इस ताजा मिसाइल टेस्ट की निंदा की है।
सख्त हुआ दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया ने कहा है कि वह उच्च क्षमता वाली मिसाइलरोधी प्रतिरोधक थाड प्रणाली की चार अतिरिक्त यूनिटें स्थापित करेगा। उत्तर कोरिया के अंतर महाद्वीपिय बेलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है। चीन ने थाड की तैनाती पर कड़ी आपत्ति की है। उसका कहना है कि थाड से उत्तर कोरिया की मिसाइल धमकी रोकने में मदद नहीं मिलेगी बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन बिगड़ेगा।
न्होंने कहा कि शुक्रवार देर रात को उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिकी सेना ”रणनीतिक हथियारों” को दक्षिण कोरिया में तैनात करेगी. राष्ट्रपति पद से हटाई गई पार्क ग्यून हेय की सरकार के तहत थाड रक्षा प्रणाली के कई हिस्सों को देश में लाया गया था लेकिन नए नेता मून जेइ-इन ने पिछले महीने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया था. उन्होंने इसके पीछे नए पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन करने की जरुरत का हवाला दिया था. रक्षा मंत्री सोंग योंग-मू ने पत्रकारों से कहा कि उत्तर कोरिया के हालिया परीक्षण के जवाब में हम थाड बैटरी के बचे हुए हिस्सों की तैनाती पर जल्द ही विचार विमर्श शुरू करेंगे. थाड बैटरी छह इंटरसेप्टर मिसाइल लॉन्चरों से बनी है. दो लॉन्चरों को सोल से करीब 300 किलोमीटर दक्षिण में स्थित सियोंग्जू काउंटी में तैनात किया गया है.
दक्षिण कोरिया-अमेरिका ने किया मिसाइल अभ्यास
दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने शनिवार को उत्तर कोरिया के खिलाफ एक फायरपॉवर शो के तहत संयुक्त रूप से बैलिस्टिक मिसाइल अभ्यास किया। समाचार एजेंसी योनहप के अनुसार, जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ(जेसीएस) ने कहा कि यह अभ्यास पूर्वी तट पर आयोजित किया गया, जिसमें दक्षिण कोरिया के ह्यूनमू-2 और अमेरिका की आठवीं सेना के एटीएसीएमएस ने हिस्सा लिया। उनके दागे हुए मिसाइल पूर्व सागर में गिरे, जहां कुछ घंटों पहले उत्तर कोरिया द्वारा दागा गया अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल (आईसीबीएम) गिरा माना जाता है। 300 किलोमीटर के दायरे वाला ह्यूनमू-2 एक रोड मोबाइल टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल है। आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम समान दूरी वाला मिसाइल है। जेसीएस ने अपने बयान में कहा, “सहयोगियों ने दुश्मन के नेतृत्व पर सटीक हमले के लिए अपनी क्षमताओं की पुष्टि की।”
जापान ने जताया विरोध
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने शनिवार (29 जुलाई) को कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण किया जाना उनके देश के सामने मौजूद गंभीर और वास्तविक सुरक्षा खतरे को बताता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, आबे ने यह भी कहा कि उनका देश उत्तर कोरिया के आगे के संभावित भड़काऊ कदमों के बारे में सतर्क रहेगा और जापान के पास अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ उस पर (उत्तर कोरिया पर) दबाव बनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. आबे ने मिसाइल लांच के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद यह टिप्पणी की.
जापान के शीर्ष सरकारी प्रवक्ता योशीहीदे सुगा ने कहा कि मिसाइल परीक्षण के प्रति उनके देश की प्रतिक्रिया शुक्रवार (28 जुलाई) को जापानी रक्षा मंत्री टोमोमी इनाडा के इस्तीफे से प्रभावित नहीं होगी और इस मुद्दे पर देश (जापान) अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा. सुगा ने कहा कि उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण से किसी भी जहाज या विमान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. उन्होंने मिसाइल परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया.
संयुक्त राष्ट्र ने की निंदा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार (28 जुलाई) को उत्तर कोरिया के एक और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की निंदा की, जिसे अंतरमहाद्वीपीय रेंज का माना जा रहा है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक के हवाले से कहा, “संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा है कि यह फिर से सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है.” हक ने कहा, “उत्तर कोरियाई नेतृत्व को अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए और कोरियाई प्रायद्वीप से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करना चाहिए.”
महासचिव ने उत्तर कोरिया से दक्षिण कोरिया के बातचीत के प्रस्तावों, विशेष रूप से सैन्य से सैन्य स्तर पर वार्ता के प्रस्ताव को स्वीकार करने और साथ ही तनाव और गलतफहमी दूर करने की मांग दोहराई. पेंटागन ने कहा है कि प्रारंभिक मूल्यांकन दर्शाता है कि यह अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल थी. पेंटागन के प्रवक्ता जेफ डेविस ने अपने बयान में कहा कि समुद्र में गिरने से पहले मिसाइल ने करीब 1,000 किलोमीटर की यात्रा की थी.
अमेरिका में मचा हड़कंप
पेंटागन के प्रवक्ता जेफ डेविस ने मीडिया को बताया कि उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिटिक मिसाइल परीक्षण का पता चला है. दक्षिण कोरियाई मीडिया ने भी मिसाइल परीक्षण की खबर दी. शनिवार तड़के दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे इन ने आपातकालीन सुरक्षा बैठक की. दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ (जेसीएस) के मुताबिक, उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइल पूर्व सागर में गिरी. योनहाप न्यूज एजेंसी ने जेसीएस के हवाले से बताया कि उत्तर कोरिया के जेगांग प्रांत से मिसाइल का परीक्षण हुआ, जो पूर्व सागर में गिरा. उत्तर कोरिया ने चार जुलाई को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) ‘ह्वासोंग-14’ के सफल परीक्षण की घोषणा की थी.
चीन ने की निंदा
चीन ने उत्तर कोरिया के अंतर महाद्वीपीय बेलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा की है और सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। इससे पहले अमरीका और दक्षिण कोरिया ने मिसाइल परीक्षण की प्रतिक्रिया में सैन्य अभ्यास किया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने आज कहा कि उत्तर कोरिया को संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का पालन करना चाहिए और ऐसी कार्रवाई बंद करनी चाहिए।