भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच की रेस में टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग सबसे आगे माने जा रहे थे. खबरों की मानें तो वीरू को कोहली का पूरा समर्थन भी था, लेकिन अंत में बाजी रवि शास्त्री ने मार ली. सहवाग कोच की रेस से इसलिए बाहर हो गए, क्योंकि आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट ऑपरेशन सहवाग टीम में अपना खुद का स्टाफ चाहते थे. इसी सपोर्ट स्टाफ के मुद्दे पर रवि शास्त्री से पीछे हो गए थे.

पुराने कोचिंग स्टाफ के पक्ष में थे कोहलीइस मुद्दे पर कोहली ने कहा, पाजी मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं, लेकिन यह नहीं हो सकता. बाकी सीएसी पर निर्भर करता है. कोहली ने कहा, यहां सपोर्ट स्टाफ है, जिसने काफी समय से टीम के साथ काम किया है. कई लोग ऐसे भी हैं, जो व्यक्तिगत तौर पर टीम के हर एक खिलाड़ी की जरूरत समझते हैं. इसके बाद रेस में रवि शास्त्री आगे हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि शास्त्री वर्क एथिक्स की अहमियत जानते हैं. उन्हें मौजूदा सपोर्ट स्टाफ ने ही आगे रखा था, जिन्होंने उनके साथ 3 साल काम किया है. कोहली और सहवाग के बीच में प्रोफेशनल रिश्ता इसलिए नहीं बन पाया, क्योंकि सहवाग ने यह प्रपोजल रखा था कि वह अपने साथ टीम के फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में अमित त्यागी और किंग्स इलेवन पंजाब के असिस्टेंट कोच मिथुन मनहास को लेकर आएंगे.

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version