LUCKNOW: उत्तर प्रदेश विधानसभा के परिसर में विस्फोटक मिलने से देस की राजनीति में हड़कंप मच गई है। दुनिया के सबसे खतरनाक विस्फोटकों में से एक कहा जाने वाला PETN विधानसभा के अंदर कैसे पहुंचा, यह सवाल अब हर किसी को परेशान कर रही है। विधानसभा की सुरक्षा घेरे को भेदकर PETN को कौन अंदर लाया, इसका पता लगाने के लिए अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) केस की जांच करेगी।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के सुरक्षा घेरे को भेदना लगभग नामुमकिन हैः

पहला सिक्योरिटी लेवलः

दरअसल इसके पहले दायरे में भीतर आने वाले लोगों और गाड़ियों की सामान्य रूप से चेकिंग की जाती है।

दूसरा सिक्योरिटी लेवलः

दूसरे सुरक्षा घेरे में डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगाकर जांच कराई जाती है।

तीसरा सिक्योरिटी लेवलः

इसके तीसरे और आखिरी सिक्योरिटी लेवल पर हैंड हैंडल मेटल डिटेक्टर से चेकिंग कराई जाती है। इसके साथ ही विधानसभा परिसर में सुरक्षाकर्मी लगातार निगरानी बनाए रखते हैं।

इस त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे को भेदते हुए नेता प्रतिपक्ष की सीट के पास PETN का मिलना बड़े सवाल खड़े करता है।

PETN विस्फोटक काफी खतरनाक विस्फोटकों में से एक है। ये विस्फोटक रंगहीन, गंधहीन होता है। इसे मेटल डिटेक्टर के जरिए भी ढूंढ पाना काफी मुश्किल है, लेकिन डॉग स्क्वॉड ने इसे ढूंढ निकाला था।

बताते चलें कि कई बार खोजी कुत्ते भी इसका पता लगाने में नाकाम रहते हैं।

इसे प्लास्टिक विस्फोट के नाम से भी जाना जाता है। बुधवार को चेकिंग के दौरान तकरीबन 60 ग्राम PETN बरामद हुआ था। सीएम योगी ने शुक्रवार को विधानसभा में बोलते हुए इस बात को सामने रखा कि लगभग 500 ग्राम PETN से समूचा विधानसभा भवन उड़ाया जा सकता है।

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए इस तरह के हमले की स्थिति से निपटना काफी मुश्किल है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि PETN का इस्तेमाल आतंकी संगठन बड़े हमलों के लिए करते हैं। हाल के दिनों में यूपी में आतंकी हमलों की साजिश का अलर्ट कई बार जारी हो चुका है। विधानसभा परिसर में इस विस्फोटक के मिलने से बड़े खतरे का खुलासा हुआ है।

गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा के दौरान आतंकी हमले के मद्देनजर यूपी समेत 4 राज्यों में सुरक्षा संबंधी हाई अलर्ट जारी किया गया है।

खुफिया इनपुट के मुताबिक, आतंकी भगवा वेष धारण कर कांवड़ियों के समूह पर हमला कर सकते हैं। वहीं आतंकी किसी ट्रक या बस से भी कांवड़ियों पर हमला बोल सकते हैं।

शुक्रवार को सीएम योगी ने विधानसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए विधानसभा की सुरक्षा के लिए 11 उपाय बताए। जो इस प्रकार हैं:

  • विधानसभा में बिना पास के वाहनों की एंट्री बंद हो।
  • सदस्यों के लिए, कर्मचारियों के लिए, सबके लिए एंट्री पास का नियम लागू हो, जो विधानसभा आ रहा है, उसकी पहचान होनी चाहिए।
  • कर्मचारियों के लिए एक ड्रेस हो जिससे उनकी पहचान की जा सके। जिम्मेदार लोगों की ही विधानसभा में तैनाती हो।
  • विधानसभा में अनावश्यक भीड़-भाड़ को कम किया जाएगा।
  • विधानसभा की सुरक्षा के लिए एक गाइडलाइन हो, जिसका पालन सभी सदस्य और कर्मचारी करें।
  • हर कर्मचारी की एंट्री पर पुलिस जांच की जाए।
  • सबकी जांच हो, विधायक भी सहयोग करें।
  • विधानसभा में तैनात हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन हो।
  • विधायक फोन लेकर सदन में न आएं और अगर फोन लेकर आते हैं तो फोन स्विच ऑफ रखें।
  • बाहर कोई ऐसा सिस्टम बनाया जाए, जहां बैग और फोन रखने की व्यवस्था हो।
  • विधानसभा और विधान परिषद की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था है, उसमें सामंजस्य बढ़ाए जाने के उपाय किए जाने की जरूरत है।
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