केंद्र सरकार सशस्त्र सेनाओं में डाक्टरों की कमी पूरी करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए चिकित्सा अधिकारियों की सेवा निवृत्ति की आयु 60 से बढाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
इस फैसले के बाद सशस्त्र सेनाओं तथा असम राइफल्स के जनरल ड्यूटी चिकित्सा अधिकारी तथा विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी को फ़ायदा होगा जिनकी उम्र 60 से ज्यादा है. अब वो सभी चिकित्सा अधिकारी 60 के बजाय 65 वर्ष की उम्र में रिटायर होंगे. इससे यह फायदा होगा की सशस्त्र सेनाओं में डाक्टरों की कमी पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा और मरीज-चिकित्सक अनुपात में सुधार के साथ उनकी देखभाल भी बढेगी.
इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण गतिविधियों में भी बढोतरी होगी तथा सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का भी प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वयन किया जा सकेगा. गौरतलब है की सशस्त्र सेनाओं में डाक्टरों की कमी का मुद्दा लंबे समय से उठाया जा रहा था जिसके बाद पूर्व प्रभाव से यह फैसला लिया गया है.