इत्र बनाने के लिए मशहूर कन्नौज अब जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों पर नकेल कसने के लिए ‘बदबूदार बम’ बनाया है। यह कैप्सूल की तरह होगा। इसे आंसू गैस छोड़ने वाली बंदूक के जरिये फायर किए जाने पर धुआं उठेगा, जिसकी गंध को बर्दाश्त करना लोगों को मुश्किल हो जाएगा।

कन्नौज स्थित फ्रेग्नेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी) के वैज्ञानिकों ने ‘दुर्गंध युक्त बम’ बनाया है। एफएफडीसी के प्रधान निदेशक शक्ति विनय शुक्ला ने कहा कि दुर्गंध फैलाने वाले रसायन को एक छोटे कैप्सूल में रखा जाएगा। इन कैप्सूल को आंसू गैस छोड़ने वाली बंदूक के जरिए फायर किया जा सकता है।

जल्द होगा ट्रायल
शुक्ला ने कहा कि ग्वालियर की रक्षा प्रयोगशाला में जल्द ही इसका परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण सफल होने के बाद सेना इसका उपयोग कर सकती है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की पहल पर रक्षा मंत्रालय ने इसके परीक्षण को मंजूरी दी है।

स्वास्थ्य पर असर नहीं
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रक्षा मंत्रालय की आवश्यक मंजूरी और स्वीकृति के बाद इसे सेना को सौंपा जाएगा। दिलचस्प ये है कि इस कैप्सूल की गंध ही असहनीय है। हालांकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका कोई असर नहीं होता है।

विवादों में रहा है पैलेट गन
मौजूदा समय में पत्थरबाजों को रोकने के लिए सुरक्षा बल पैलेट गन का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि इसके चलते सैकड़ों लोगों की आंखों को नुकसान पहुंचा है। इसका उपयोग विवादों में रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका विकल्प तलाशने को कहा था।

पैलेट गन
2010 से शुरू किया गया था पैलेट गन का इस्तेमाल
2010 से जुलाई 2016 तक पैलेट गन 52 लोगों ने आंखें गंवाई
1500 लोग इस अवधि में गंभीर रूप से घायल हुए हैं

‘मिर्ची बम’ को मिल चुकी है मंजूरी
गत वर्ष केंद्र सरकार ने भीड़ से निपटने के लिए पीएवीए (मिर्च पाउडर भरे ग्रेनेड) के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।

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