नई दिल्ली: देश में पहला मानवरहित टैंक बनकर तैयार हो गया है. जिसके सर्विलांस, बारूदी सुरंग खोजने वाला जिन इलाकों में न्यूक्लियर जैविक हमलों का अंदेशा है, वहां गश्ती लगाने के लिए इस टैंक के तीन तरह के मॉडल्स विकसित किए गए हैं. इस टैंक का नाम मुंत्रा रखा गया है. जो नक्सली इलाको में सेना की मदद करने के साथ युद्द में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम है.  डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO)  द्वारा इसे तैयार किया गया है.

कॉम्बैट वीइकल्स रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (CVRDE) ने इसका निर्माण किया है. इसका परिक्षण भी सेना द्वारा किया गया है. जिसमे पैरामिलिटरी फोर्स ने इस टैंक को नक्सल प्रभावित इलाकों में इस्तेमाल करने की इच्छा जाहिर की है. जिसके चलते इसे नक्सल प्रभावित इलाको में भेजा जा सकता है.

यह टैंक पूरी तरह से मानवरहित है.

जो रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट होता है. बख्तरबंद टैंक की तरह डिजाइन किए गए रिमोट से ऑपरेट होने वाले ये टैंक अवाडी में साइंस फॉर सोल्जर्स नाम की प्रदर्शनी में डिस्प्ले में रखे गए हैं. यह प्रदर्शनी डीआरडीओ ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की है. टैंक में सर्विलांस रडार, लेज़र रेंज फाइंडर के साथ कैमरा लगा हुआ है.

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