रांची: अगर आप बिहार में पत्रकार हैं, तो आपको सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। गठबंधन सरकार में सहयोगी राजद ने आपको सवाल पूछने का हक नहीं दिया है। सवाल पूछने का हक सिर्फ लालू यादव और उनके कुनबे को है। चोरी और ऊपर से सीनाजोरी करने का भी हक लालू और उनके बेटों को है। लालू के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से सवाल पूछनेवाले पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना से यह साबित हो गया है कि राजद फिर से बिहार को जंगलराज की ओर ले जाना चाह रहा है। मीडिया की आवाज को दबाने का काम राजद शुरू से करता रहा है, लेकिन पहले पर्दे के पीछे से मीडिया पर हमला करनेवाली पार्टी अब खुलकर मीडिया पर हमले करवा रही है। कभी मीडियाकर्मियों को लालू के लाल गुंडा करार देते हैं, तो कभी उसे सामने खड़े होकर अपने गुंडों से पिटवाते हैं।
भ्रष्टाचार की रेल पर सवार लालू के बेटे तेजस्वी सिर्फ एक सवाल पर गुंडागर्दी पर उतर आये। अभी तो उन्हें कई सवालों के जवाब देने हैं। मीडिया को सवाल पूछने का अधिकार है। हमारा काम ही सवाल पूछना है। पूरी मीडिया इस हमले के खिलाफ एकजुट है। बिहार-झारखंड समेत देश के दूसरे राज्यों के मीडियाकर्मी भी इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं। कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। झारखंड के अखबारों के संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों का भी यही कहना है कि मीडिया पर हमला करने से लालू और उनके कुनबे का पाप धुल नहीं जायेगा। संपादकों ने पत्रकारों से धैर्य के साथ ऐसे हमलों का जवाब देने की अपील की है। साथ ही कहा कि ऐसे नेताओं को कलम की ताकत को दिखाकर पूरी दुनिया के सामने एक्सपोज करना चाहिए।
ऐसे नेताओं को एक्सपोज करें: बलबीर दत्त
वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त ने तेजस्वी यादव के सुरक्षाकर्मियों द्वारा मीडियाकर्मियों पर किये गये हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की पिटाई का मौका बनाया जाता है। यह तो अब पार्ट आॅफ गेम हो गया है। राजनेता सवालों से खीज कर ऐसे हमले करवाते हैं। बिहार में पत्रकारों पर हुआ हमला प्रेस की स्वाधीनता पर हमला है। पहले भी पत्रकारों पर हमले हुए हैं और आगे भी होते रहेंगे। हमें एकजुट होकर इनका मुकाबला करना होगा। पत्रकार हितों के लिए काम करनेवाले संगठनों को आवाज उठानी चाहिए। बलबीर दत्त ने कहा कि बिहार सरकार ने घटना की आलोचना की है, लेकिन वह जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई करे। प्रेस वाले ऐसे नेताओं का बहिष्कार करें। उनके पास कलम के रूप में सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे नेताओं को एक्सपोज करें। वैसे भी आजकल कौन सी पार्टी और नेता दूध के धुले हुए हैं। हमें उन्हें अपनी ताकत दिखानी होगी।
मीडिया को मारने से पाप नहीं धुलेगा: बैजनाथ मिश्र
सन्मार्ग के प्रधान संपादक बैजनाथ मिश्र ने कहा कि वह लालू और तेजस्वी की भाषा में ही उन्हें जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि जबर चोर सेंध पर जावे। यानी यह वही स्थिति है कि चोरी भी करनी है और सीनाजोरी भी करनी है। मीडिया को मारने से क्या उनके पाप धुल जायेंगे। बैजनाथ मिश्र ने कहा कि तेजस्वी से सफाई मीडिया नहीं मांग रही है। जदयू सफाई मांग रहा है और कह रहा है कि जवाब संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद के पूरे कुनबे को लोकतंत्र की चिंता नहीं है। अगर ये लोकतंत्र विरोधी नहीं होते, तो यूं मीडिया से झगड़ा नहीं करते। नीतीश कुमार को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें जेल भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम पर हमले होते रहे तो देश कैसे चलेगा। राजद बिहार में 15 साल पहले वाला जंगलराज लाना चाहता है। मीडिया को ऐसी ताकतों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
सवाल से डरने वाले नेता कैसे चलायेंगे राज्य: शंभुनाथ चौधरी
दैनिक आइ नेक्स्ट के संपादक शंभुनाथ चौधरी ने बिहार में तेजस्वी यादव के सुरक्षाकर्मी द्वारा मीडिया कर्मियों की पिटाई के मामले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति की आजादी पर हमला है। इस हमले ने साबित कर दिया है कि इन नेताओं में सवाल को बर्दाश्त करने की सहिष्णुता नहीं है, जबकि असहिष्णुता का आरोप लगाने वाले भी यही लोग हैं। अगर मीडिया पर हमला होगा, तो लोकतंत्र का कैसे भला होगा। नेता सवाल से डर जायेंगे मतलब वे डरे हुए नेता हैं और डरे हुए नेता राज्य कैसे चला सकते हैं। शंभुनाथ चौधरी ने कहा कि मीडिया को इन हमलों से नहीं डरना चाहिए। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि आक्रामक होकर ऐसे नेताओं को समाज के सामने एक्सपोज करें।
कौन करेगा मंत्रियों, नेताओं से सवाल: अनुज सिन्हा
प्रभात खबर के स्टेट हेड अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में तेजस्वी यादव के सुरक्षाकर्मी द्वारा मीडिया पर किया गया हमला बिल्कुल गलत है। लोकतंत्र में मारपीट और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। मीडिया पब्लिक के प्रति जिम्मेवार होती है और इसलिए सवाल पूछना पत्रकारों का अधिकार है, लेकिन सवाल पूछने का तरीका शालीन होना चाहिए। पार्टी बन कर नहीं, बल्कि न्यूज के हिसाब से ही किसी से सवाल पूछें। उन्होंने कहा कि आज यह बिहार में हुआ है। कल झारखंड में होने लगेगा, तो कौन पत्रकार मंत्रियों और नेताओं से सवाल करेगा। अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि पत्रकारों को भी अपनी मर्यादा का खयाल रखना चाहिए। आजकल कई न्यूज चैनलों में बैठे एंकर्स नेताओं से पार्टी बन कर सवाल पूछ रहे हैं। एंकर्स का ऐसा एटीट्यूट होता है मानो वे राजनेता से नहीं नौकर से मुखातिब हों। उन्होंने कहा कि हम पत्रकार हैं और हमारा काम है तरीके से न्यूज को निकालना।