दार्जिलिंग में एक बार फिर हिंसा भड़की हुई है। इस हिंसा में तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी। भीड़ ने ऐतिहासिक टॉय ट्रेन, तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर और एक पुलिस की गाड़ी को आग लगा दी। प्रशासन का कहना है कि पुलिस के साथ झड़प में केवल एक व्यक्ति की मौत हुई है लेकिन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का कहना है कि तीन लोगों की मौत हुई है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ही वो संगठन है जो पश्चिम बंगाल से एक नए राज्य की मांग कर रहा है। इन प्रदर्शनों की वजह से सामान्य जन-जीवन पर काफी बुरा असर पड़ा है। इसके साथ ही पर्यटक भी अपने पसंदीदा जगह तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पिछले एक महीने से स्कूल, ऑफिस और दुकानें सब बंद हैं। पढ़ें इस प्रदर्शन की 10 मुख्य बातें।
1. यह पूरा मामला 8 जून को शुरू हुआ जब मुख्य मंत्री ममता बनर्जी दार्जिलिंग में कैबिनेट बैठक कर रही थीं। जीजेएम के नेता सरकार के उस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे जिसमें स्कूलों में बंगाली को एक कंपलसरी सब्जेक्ट के रूप में लागू किया जाना था। दार्जिलिंग में अधिकतर नेपाली भाषी रहते हैं और वो इस फैसले से बेहद नाराज थे।
2. पुलिस और जीजेएम के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प को रोकने के लिए सरकार ने वहां सेना की मदद ली।
3. मुख्य मंत्री ने बाद में दार्जिलिंग को इस फैसले से हटा दिया था लेकिन तब तक लोगों में ‘बंगाली भाषा को थोपे जाने’ को लेकर गुस्सा फूट चुका था। उस समय क्षेत्रीय पार्टियों ने कई बैठकें कीं और यह तय किया कि वो गोरखालैंड की मांग करेंगे। इन बैठकों में बीजेपी भी शामिल थी।
4. जीजेएम के बंद घोषित करने के बाद 15 जून को पुलिस ने जीजेएम के नेता बिमल गुरुंग के घर और दफ्तर पर छापा मारा। यह बंद आज तक लागू है।
5. पुलिस के साथ झड़प में 3 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। लेकिन मुख्य मंत्री ने इस बात से साफ इंकार कर दिया।
6. सरकार ने 17 जून से ही दार्जिलिंग में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का आदेश दिया जो आज तक लागू है।
7. 15 स्थानीय पार्टियों के नेताओं ने मिलकर अलग गोरखालैंड की मांग के लिए 29 जून को एक कमिटी का गठन किया।
8. 8 जुलाई से क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई। पुलिस के साथ झड़प में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई और प्रदर्शनकारियों ने टॉय ट्रेन, पुलिस की गाड़ियों और तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर में आग लगा दी। सरकार को एक ही हफ्ते में सेना को वापस बुलाना पड़ा।
9. ममता बनर्जी ने कहा कि अगर स्थानीय पार्टी के नेता शांति स्थापित करें तो वो उनके साथ बात करने को तैयार हैं। क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं ने तुरंत इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उनका कहना था कि उनको राज्य सरकार के साथ किसी तरह की बात-चीत नहीं करनी।
10. मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर क्षेत्र में हिंसा भड़काने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है यह बाहरी लोगों का काम है।