पटना:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। विश्वास मत के पक्ष में 131, जबकि विरोध में 108 वोट पड़े। बिहार में नवगठित सरकार ने बिहार विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र आहूत किया था। विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के पूर्व ही राजद और कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी अंदर टोकाटोकी का दौर चलता रहा।

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार के पक्ष में विधानसभा में विश्वास मत पेश किया।

विश्वास मत पर चर्चा में भाग लेते हुए नीतीश ने लोगों से वादा किया, अब बिहार में सरकार चलेगी, जनता की सेवा करेगी और भ्रष्टाचार और अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सत्ता लोगों की सेवा के लिए होती है, न कि ‘मेवा’ के लिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमने कई समस्याओं का सामना किया, बावजूद इसके गठबंधन धर्म का पालन करने का हरसंभव प्रयास किया। परंतु जब स्थिति खराब हो गई और जनता परेशान होने लगी तो इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था।

इसके पूर्व राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्हें रणछोड़ कहा।

उन्होंने कहा, संघ मुक्त भारत बनाने की बात कहने वाले नेता ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सामने घुटने टेक दिए।

तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार में हिम्मत थी तो उन्होंने मुझे बरखास्त क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि साजिश के तहत मुझे और मेरे परिवार को फंसाया गया।

तेजस्वी ने नीतीश को स्वार्थी बताते हुए कहा, नीतीश को जब हमारी जरूरत थी, तब हमारे साथ आ गए और आज जब भाजपा की जरूरत है, तब सुशील कुमार मोदी के साथ आ गए।

विश्वास मत के पक्ष और विपक्ष में चर्चा के बाद मतदान शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने शुरू में ध्वनिमत से मतदान कराने की कोशिश की, लेकिन दोनों ओर से तेज आवाज के कारण निर्णय नहीं हो सका। इसके बाद मतदान कराया गया, जिसमें विश्वास मत के पक्ष में 131, जबकि विरोध में 108 मत पड़े।

विधानसभा से बाहर निकलने के बाद भाजपा नेता प्रेम कुमार ने कहा कि यह पहले से ही तय था कि बिहार की जनता राजग के साथ है। उन्होंने कहा कि आज पूरा परिवार खुश है। उन्होंने विश्वास मत प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी।

ज्ञात हो कि राजद ने गुप्त मतदान का आग्रह किया था।

विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण भी रोका गया।

उल्लेखनीय है कि महागठबंधन से अलग होने के लिए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नीतीश ने भाजपा नीत राजग के अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाई और गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

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