मशहूर वकील राम जेठमलानी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का केस छोड़ने का फैसला किया है। अब वो केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के द्वारा दायर मानहानि केस में दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल का बचाव नहीं करेंगे। जेठमलानी ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि अब मैं केजरीवाल का वकील नहीं हूं। राम जेठमलानी ने केजरीवाल से 2 करोड़ रुपये फीस भी मांगी है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह लिखित रूप से जानकारी दी थी कि उन्होंने अपने वकील राम जेठमलानी को जेटली के खिलाफ किसी तरह के अपशब्द इस्तेमाल करने को नहीं कहे थे। वहीं राम जेठमलानी ने केस छोड़ते हुए केजरीवाल को जो खत लिखा है, उसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि दोनों की प्राइवेट बातचीत में केजरीवाल ने जेटली के खिलाफ कोर्ट में आपत्तिजनक बात करने को कही थी।
गौरतलब है कि 17 मई 2017 को दिल्ली हाईकोर्ट में राम जेठमलानी ने अरुण जेटली को एक आपत्तिजनक शब्द कहा, जिस पर जेटली ने एक और मानहानि के केस की चेतावनी दी। कोर्ट की आपत्ति पर राम जेठमलानी ने कहा कि ये शब्द उन्होंने केजरीवाल से पूछकर कहा है, लेकिन दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट को लिखित में कहा कि उन्होंने ऐसा कोई निर्देश जेठमलानी को नहीं दिया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल लगाया 10,000 रुपये का जुर्माना
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल के वकील द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए जाने पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर 10 करोड़ रुपये के मानहानि मुकदमे पर जवाब दाखिल ना करने के लिए मुख्यमंत्री पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
कोर्ट का केजरीवाल को निर्देश: जेटली से अपमानजनक सवाल ना करें
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वह अपने और आम आदमी पार्टी (आप) के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे में जिरह के दौरान केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली से ‘अपमानजनक’ सवाल नहीं करें। न्यायमूर्ति मनमोहन ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को गरिमापूर्ण तरीके से और कानून के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली से जिरह करनी चाहिए।