रांची: रांची पुलिस ने डीजीपी डीके पांडेय के निर्देश पर चड्ढी बनियान गैंग के पूरे कुनबे को धर दबोचा है। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी खुद इस गैंग की गिरफ्तारी के लिए जामताड़ा के करमाटांड़ में मोर्चा संभाले हुए थे। जामताड़ा के करमाटांड़ थाना के नावाडीह दुर्गापुर गांव से गिरफ्तार गुलगुलिया गैंग के अपराधियों की पहचान चड्ढी-बनियान गिरोह के रूप में की गयी है। रांची की जेवर दुकान में 45 लाख रुपये की चोरी सहित कांके, बरियातू और ओरमांझी में भी इसी गैंग ने डैकेती और चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इसके अलावा देश के कई हिस्सों में इस गैंग ने लूट के बाद हत्या की वारदातों को अंजाम दिया था। इस गिरोह के गिरफ्तार 12 सदस्यों में एक महिला भी शामिल है। गिरफ्तार सभी अपराधी यूपी, एमपी एवं महाराष्ट्र के हैं। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने प्रेसवार्ता कर पूरे मामले की जानकारी शनिवार शाम को दी है।
गिरफ्तार अपराधियों में कुख्यात राम सिंह गोपना भी शामिल : जिन 12 अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें कुख्यात अपराधी राम सिंह बोपना भी शामिल है। गोपना लूट के बाद हत्या की वारदात को जरूर अंजाम देता था। हत्या करना उसका शौक है। रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी के अनुसार गोपना ने अभी तक 40 से अधिक हत्याएं की हैं।
रांची छोड़ हर जगह कर चुका है हत्या : रांची एसएसपी के अनुसार रांचीवासियों की किस्मत अच्छी है कि यह गिरोह चार घटनाओं के बाद ही पकड़ा गया। इस गैंग के अपराधी चोरी और डकैती के बाद हत्या की घटना को जरूर अंजाम देते है। झारखंड के बाहर इस गैंग ने जिस घटना को अंजाम दिया, उनमें गृहस्वामी की हत्या भी कर दी गयी।
पुश्तैनी धंधा है चोरी और डकैती करना : बंजारा बन शहर शहर घूमने वाले इस गिरोह का चोरी और डकैती पुश्तैनी धंधा है। यह गिरोह मुख्यत: मध्यप्रदेश का रहनेवाला है। जिस शहर में यह गिरोह चोरी या लूट की घटना को अंजाम देता था, वहा से नजदीक के दूसरे शहर में अपना डेरा जमाता था। रांची में आने से पहले यह गिरोह रजरप्पा मंदिर के पास अपना डेरा डाले हुए था।
ये हुई बरामदगी : गुलगुलिया के टेंटों की तलाशी में कुल 3,66,957 रुपये जब्त किये गये। जबकि 22 मोबाइल फोन, सात आधार कार्ड, 10 वोटर कार्ड, लाखों के जेवरात, जिसमें चांदी की चेन 6, पायल नया एवं पुराना 11, चांदी एवं सोने की चूड़़ी नयी-पुरानी 15, चांदी की क्लिप बाल में लगाने वाली 5, एक मंगलसूत्र सोने का, 15 चांदी का सिक्का, सोने जैसी तीन अंगूठी, लाह की चूड़ी सोने जैसी, क्वाइन सिल्वर (999) 20 ग्राम, सोना का एक बैंक आॅफ इंडिया का क्वाइन (999) 20 ग्राम का, एक जोड़ा लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, चांदी की घड़ी एवं दर्जनों चांदी की क्लिप सहित कुल 39 किस्म के जेवरात भी पुलिस के हाथ लगे। शिव ज्वेलर्स का विजिटिंग कार्ड भी पुलिस को मिला है।
ऐसे पकड़ाया गिरोह
रांची में 45 लाख की चोरी की घटना के बाद से ही एसएसपी कुलदीप द्विवेदी चड्ढी-बनियान गिरोह की ताक में लगे हुए थे। इस बीच रांची के पुंदाग में एक आॅटो वाले ने बताया कि कुछ लोग उसके आॅटो से रामगढ़ गये थे। रामगढ़ में एक सोनार के वहा वे उतर गये थे। इस सूचना पर रांची पुलिस की एक टीम ने रामगढ़ से सोनार अलाउद्दीन को पकड़ा, जिसके बाद इस गिरोह तक पहुंचने का रास्ता मिल गया। दरअसल लूट के बाद सभी गहने इसी सोनार के पास अपराधी जमा कर देते थे। उसे वह गला कर अपराधियों तक पंहुचा देता था। अलाउद्दीन से पूछताछ के बाद अपराधियों के गिरोह से जुड़े साथियों की करमाटांड़, मधुपुर के इलाके में होने की जानकारी मिली। वहां की पुलिस भी अपने स्तर से जांच कर रही थी। तभी पता चला था कि गिरोह के कुछ अपराधी करमाटांड़ थाना क्षेत्र में अपना ठिकाना बनाये हुए हैं। इसके बाद वहां छापेमारी की गयी, जिसमें नौ अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, वहीं लाखों की संपत्ति भी जब्त की गयी।
चड्ढी, गंजी, शरीर में तेल लगा कर देते थे वारदात को अंजाम
दिन भर पूरे कपड़ों में रहने वाला यह गिरोह वारदात के समय पूरे शरीर में तेल लगा कर घटना को अंजाम देता था। वारदात को अंजाम देने के समय गिरोह के सदस्य स्क्रू ड्राइवर, सांबल, सलाई रींच हथियार के रूप में प्रयोग करते थे। घटना को अंजाम देने के समय अपनी चप्पल अपनी लंगोट में बांधे रखते थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी
बबलू पारदी, शोभना उर्फ सन्नू, मो अलाउद्दीन, गोवर्द्धन, राम सिंह उर्फ बोपना, सहशाद, गोविंद, राजेंद्र उर्फ राजन, सुनील पारदीप, राजा बाबू, अनूप मोध्या शामिल है।
डीजीपी ने की 10-10 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा
रांची पुलिस के इस कार्य से खुशै होकर डीजीपी डीके पांडेय ने छापामारी टीम में शामिल सभी पुलिस कर्मियों को दस-दस हजार रुपये इनाम स्वरूप देने की घोषणा की है।