नई दिल्ली/कोलकाता: देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दोनों ही उम्मीदवारों ने समर्थन जुटाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। आज मंगलवार को विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार कई दलों से राष्ट्रपति चुनाव में उनसे समर्थन करने की अपील की, उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव वैचारिक मतभेद से लड़ा जा रहा है।

विपक्ष और यूपीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने मगंलवार से अपने चुनाव प्रचार तेज करते हुए देश में कई दलों से इस वैचारिक लड़ाई में उन्हें समर्थन देने की अपील की है। राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और कांग्रेस के विधायकों एवं सांसदों से राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने की अपील। मीरा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में कहा कि मुझे ऐसा आश्वासन मिला है कि आप सभी मेरा समर्थन कर रहे हैं।

 

कोलकाता और पश्चिम बंगाल से मुझे ताकत और प्रेरणा मिली है, क्योंकि यह सेनानियों की भूमि है। आप हमेशा अन्याय और अत्याचारों के खिलाफ लड़े हैं। मीरा कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव को वैचारिक लड़ाई का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव वैचारिक लड़ाई से लड़ा जा रहा है, लेकिन कुछ लोग इसे दलित बनाम दलित बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमे इस सबसे ऊपर उठना होगा। मीरा कुमार ने विस में बोलते हुए कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव का जातीयकरण नहीं होना चाहिये, इससे गलत सन्देश जाता है। लोग चुनाव में यह भूल जाते हैं कि वह विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश में हैं।

 

बतादें कि राष्ट्रपति चुनाव में सत्ताधारी दल एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीँ विपक्ष और यूपीए ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया हुआ है। देश में 24 जुलाई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। 25 जुलाई को देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा।

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