नई दिल्ली:  भारत-चीन-भूटान तिराहे पर भारतीय व चीनी जवानों के बीच कायम गतिरोध की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैम्बर्ग में सात जुलाई को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग मुलाकात कर सकते हैं। यह बैठक सम्मेलन से अलग ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए आयोजित होगी। एक सूत्र ने यहां मंगलवार को कहा, हैम्बर्ग में सात जुलाई को जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग ब्रिक्स नेताओं की एक बैठक आयोजित होगी।

इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी व चीनी राष्ट्रपति के मौजूद रहने की संभावना है।

चीन ने सोमवार को कहा था कि भारत ‘चीनी क्षेत्र’ में भारतीय जवानों की अवैध घुसपैठ को छिपाने के लिए भूटान का इस्तेमाल कर रहा है और इसके साथ ही उसने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाने की मांग की।

इससे पहले जोमपेलरी नामक एक स्थान पर एक रिज पर मौजूद भूटानी सेना के एक शिविर के कर्मियों ने चीनी सैनिकों को जब देखा तो वे नीचे उतरे और चीनियों का मुकाबला किया और उनसे कहा कि वे तिराहे की मौजूदा स्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं कर सकते हैं।

भारतीय सैनिक सिक्किम के डोका ला में मौजूद थे, और वे भी भूटानी सैनिकों की सहायता के लिए वहां मौके पर तुरंत पहुंचे। हालांकि, उस समय तक पीएलए ने भूटानियों को वहां से खदेड़ दिया था और वे सीधे तौर पर भारतीय सनिकों के आमने-सामने आ गए।

भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों से साफ तौर पर कहा कि वे तिराहे की मौजूदा स्थिति में एकतरफा कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं।

भूटान के साथ सिक्किम क्षेत्र में भारत की सीमा के बीच कोई चीनी क्षेत्र नहीं है।

भारत व चीन ने 2012 में एक समझौते पर पहुंचे थे कि भारत, चीन व तीसरे देशों के बीच त्रिराहा सीमा के मुद्दे को संबंधित देशों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाएगा। दोनों देश भूटान, म्यांमार व अफगानिस्तान के साथ तीन अंतर्राष्ट्रीय तिराहों में हिस्सेदार हैं।

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