रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास गुरुवार को पूरे रौ में दिखे। उन्होंने विभागवार पिछले ढाई साल के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों की रिपोर्ट पर नाराजगी भी जतायी। साफ-साफ कहा कि अभी वह भावी योजनाएं नहीं सुनेंगे, पिछले ढाई साल में क्या किया है, ये बतायें। दरअसल मुख्यमंत्री सरकार के 1000 दिन पूरा होने को लेकर क्रियाकलापों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में झारखंड ने तेजी से विकास किया है। राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मानकों ने इस पर मुहर भी लगायी है। हाल ही में आयोजित नीति आयोग की बैठक में झारखंड में हो रहे कार्यों की काफी प्रशंसा हुई है। बताया गया कि विकास वृद्धि दर में झारखंड गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर है। लोगों को तीव्र विकास चाहिए। इसके लिए टीम झारखंड, जिसमें मंत्रिपरिषद के सदस्य और अधिकारी हैं, को और लगन और समर्पण के साथ काम करना होगा।
22 सितंबर को सामने लायें उपलब्धियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद पहली बार जनता ने 2014 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी है। जनता की हमसे काफी अपेक्षाएं हैं। झारखंड पर लगी पिछड़े राज्य की दाग से हम उबर रहे हैं। उभरते झारखंड को नयी पहचान मिली है। 22 सितंबर को जब सरकार के 1000 दिन पूरे होंगे, तब सरकार की वे उपलब्धियां जो सीधे जनता से जुड़ी हुई हैं और जिसने आम जनता के जीवन को खुशहाली की ओर बढ़ाया है, उसे सबके सामने लाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी उपलब्धियां विकास का अंत नहीं, बल्कि अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और सुशासन की ओर हमारे प्रतिबद्ध प्रयासों को दिशा देगी।
योजनाओं को जल्द धरातल पर उतारें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गरीबी को जड़ से मिटाना हमारा लक्ष्य है। यह सबके साझा प्रयास से ही संभव है। योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यही सरकार का लक्ष्य है। हमें तेज निर्णय लेकर योजनाओं को तत्काल जमीन पर उतारना होगा।
अंब्रेला स्कीम से काम में आयेगी तेजी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंब्रेला स्कीम तैयार करें। मतलब किसी एक कार्य के बजाय समग्र रूप से उन सभी कार्यों को एक छतरी के नीचे लाया जाये। इससे काम में तेजी आयेगी। अगले साल जनवरी से वित्तीय वर्ष शुरू होगा। इसके लिए विभाग पहले से तैयारी पूरी कर ले। बैठक में विभिन्न विभागों ने पिछले ढाई साल की उपलब्धियां बतायीं। उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनाने का निर्णय हुआ।
फाइल ट्रैकिंग सिस्टम जल्द लागू करें
सीएम ने कहा कि सभी विभाग के अधिकारी जनोपयोगी योजनाओं को लेकर पहले बैठ कर नीति तय करें। फिर इसी के अनुरूप फाइलों को गति दी जाये। जो अधिकारी बार-बार फाइल लटकाते हैं, उन्हें चिह्नित करें। फाइल ट्रैकिंग सिस्टम जल्द लागू करें। जहां तय अवधि से ज्यादा फाइल लटकेगी, सरकार उस अधिकारी को रिटायरमेंट दे देगी। काम नहीं करनेवाले अधिकारी बर्खास्त होंगे।
मंत्रियों-अधिकारियों ने दिये सुझाव
बैठक में मंत्री और अधिकारियों ने कई सुझाव दिये। मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि आम आदमी को केंद्र में रखते हुए हमें योजनाएं बनाकर उनका कार्यान्वयन करना होगा। मंत्री सरयू राय ने बेहतर कार्य करने के लिए टीम झारखंड के अधिकारियों को बधाई दी। सभी विभाग के विभागीय प्रमुखों ने अपने-अपने विभाग के 22 सितंबर तक अर्थात 1000 दिनों में पूर्ण हो चुके और होने वाले कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी। साथ ही आने वाले दिनों की कार्य योजना भी बतायी।
बैठक में ये रहे शामिल
बैठक में मंत्री सीपी सिंह, मंत्री सरयू राय, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे, डीजीपी डीके पांडेय, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तथा सचिव एवं अन्य सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।
समाप्त होंगे अप्रासंगिक नियम-कानून
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी विभागों के सचिवों को निर्देश दिया कि 15 दिनों में ऐसे नियमों की सूची बनायें, जो आज अप्रासंगिक हैं। सरकार उन्हें समाप्त करेगी। ऐसे नियमों का सुझाव दें, जिससे जनहित के कामों में तेजी आये। उन्होंने सभी सचिवों से सप्ताह में एक दिन दूसरे जिले के दौरे पर जाने का निर्देश दिया, जिससे धरातल पर काम में तेजी आये। इसी प्रकार पुलिस अधिकारियों को भी थाने का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। जनता के शासक नहीं सेवक की भावना के साथ अधिकारी काम करें। तकनीक का प्रयोग बढ़ाकर हम भ्रष्टाचार और बिचौलियों को समाप्त कर सकते हंै, इसलिए तकनीक का उपयोग हर विभाग करे।
142 घोषणाओं में से 114 हुईं पूरी
बैठक में अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने बताया कि सरकार ने इस साल बजट में 142 योजनाएं शुरू करने की घोषणा की थी, इसमें 114 पूरी कर ली गयी हैं। बची योजनाएं अक्टूबर तक पूरी कर ली जायेंगी। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा तथा अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने बताया कि नीति आयोग की बैठक में झारखंड में हो रहे विकास कार्यों को सराहा गया तथा कई योजनाओं के कार्यान्वयन में झारखंड देश के प्रथम पांच राज्यों में रहा है। आज झारखंड की पहचान देश के मानचित्र पर विकास की दृष्टि से उभरते हुए झारखंड की हो रही है।