रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट की धारा 21 और 13 में संशोधन को निरस्त करने के लिए तैयार है। सोमवार को हुई टीएसी की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के आदिवासी और गैर आदिवासी विधायकों, सांसदों और एनडीए के घटक दलों से हुई वार्ता के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। सीएम ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन के खिलाफ राज्य के विभिन्न राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन राज्यपाल के पास गये थे और संशोधन को लेकर आपत्ति जतायी थी। राज्यपाल ने इन आपत्तियों को सरकार को भेजा है और सुझाव दिये हैं। सरकार ने उन सुझावों का अध्ययन किया है और इस नतीजे पर पहुंची है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट की धारा 21 और 13 में संशोधन निरस्त किया जाये।
टीएसी सदस्यों ने अध्ययन के लिए मांगा समय
सीएम ने कहा कि टीएसी की बैठक में सभी सदस्यों ने अपने सुझाव दिये हैं और इस पर अध्ययन के लिए समय मांगा है। सरकार को कोई हड़बड़ी नहीं है इसलिए 3 अगस्त को टीएसटी की अगली बैठक बुलायी गयी है। अगली बैठक में लिये गये निर्णय को कैबिनेट भेजा जायेगा और फिर संशोधन विधेयक को सदन में चर्चा के लिए लाया जायेगा। सीएम ने कहा कि सरकार विधानसभा के मानसून सत्र की तारीख बढ़ाने पर भी विचार करेगी। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट में मंत्रियों से सुझाव लेकर आगे की रणनीति तय की जायेगी। पहले 11 से 17 जुलाई तक विधानसभा का मानसून सत्र आहूत किया गया था। जानकारी के अनुसार इस सत्र को अब तीन अगस्त के बाद आहूत किया जायेगा। मौके पर मंत्री लुइस मरांडी, हेमलाल मुर्मू और जेबी तुबिद मौजूद थे।
विकास विरोधी मित्र पैदा कर रहे भ्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कुछ विरोधी मित्र और विकास विरोधी ताकतें सीएनटी-एसपीटी संशोधन को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रही हैं, लेकिन सरकार की मंशा साफ है। सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और सीएनटी-एसपीटी पर राज्यहित में आने वाले सुझावों को खुले मन से स्वीकारती है। उन्होंने कहा कि हम बहुमत में जरूर हैं, लेकिन कुछ मुद्दों पर सभी की सहमति चाहते हैं। अंतिम निर्णय विधानसभा को लेना है। पिछली बार भी सरकार ने सदन में चर्चा की कोशिश की थी, लेकिन विपक्ष ने सदन नहीं चलने दिया। विपक्ष के नेताओं के गैर जिम्मेदाराना बयान ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन पर कन्फ्यूजन पैदा कर दिया है।