रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट की धारा 21 और 13 में संशोधन का प्रस्ताव सरकार वापस लेगी। मानसून सत्र में फिर से संशोधन विधेयक को सरकार सदन में पेश करेगी। वहीं, जिन लोगों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदी है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जायेगा। प्रदेश भाजपा ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासियों की जमीन खरीदने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने कहा कि राज्य के कई बड़े नेताओं ने भी सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासियों की जमीन खरीदी है।
भाजपा सरकार से यह मांग करती है कि ऐसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने ये बातें सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहीं।
गिलुआ ने कहा कि पार्टी ने दो दिनों तक संशोधन विधेयक पर गहन मंथन किया है। सबकी यही राय है कि सीएनटी एक्ट की धारा 21 और एसपीटी की 13 में संशोधन न हो। नेताओं की भावना से सीएम को अवगत करा दिया गया है और उन्होंने भी इस पर सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन पर और भी बैठकें होंगी। आम लोगों के साथ-साथ मीडिया का भी सुझाव इस पर आमंत्रित है। विशेषज्ञों से भी राय ली जायेगी, ताकि बाद में किसी तरह की शंका न रहे। इसके अलावा प्रमंडलवार कार्यशाला आयोजित करके भी सुझाव लिये जायेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश और प्रवक्ता जेबी तुबीद एवं प्रतुल शाहदेव भी मौजूद थे।
बैठक में ये थे मौजूद
प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, प्रिया सिंह, महामंत्री दीपक प्रकाश, प्रवक्ता जेबी तुबीद, प्रतुल शाहदेव, दीनदयाल वर्णवाल, प्रशिक्षण प्रमुख गणेश मिश्र, कार्यालय मंत्री हेमंत दास, मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, मोर्चा अध्यक्ष रामकुमार पाहन, आरती सिंह, ज्योतिरीश्वर सिंह, नीरज पासवान मौजूद थे।
सिर्फ सरकारी कार्यों के लिए होगा जमीन का अधिग्रहण: जेबी तुबीद
प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबीद ने कहा कि दो दिनों की बैठक में सीएनटी-एसपीटी एक्ट की धारा 21 और 13 को यथावत रखने का प्रस्ताव आया है। सीएनटी की धारा 49 में संशोधन 1996 में भी राजद सरकार ने किया था। उस वक्त झामुमो और कांग्रेस ने इसका समर्थन किया था। उस समय धारा 49 में संशोधन के तहत उद्योग और खनन के लिए जमीन लेने का प्रावधान किया गया था। अब सरकार ने जो संशोधन किया है उसके तहत अस्पताल, आंगनबाड़ी, सड़क, स्कूल और पुल-पुलिया के लिए भी जमीन ली जायेगी। सब कुछ साफ है, फिर भी विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि कॉरपोरेट घरानों के लिए जमीन ली जायेगी। उन्होंने कहा कि सीएनटी की धारा 71 (ए) पर भी भाजपा एकमत है। इसमें संशोधन से आदिवासी भूमि का गैर आदिवासी लोगों के सेटलमेंट के आधार पर हस्तांतरण पर रोक लगेगी।