देवघर: बाबानगरी में श्रावणी मेला 2017 रविवार से शुरू हो गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कांवरिया पथ स्थित झारखंड प्रवेश द्वार दुम्मा में रविवार को आयोजित समारोह में श्रावणी मेला का उद्घाटन किया। मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 9 बार कांवर लेकर बाबाधाम आये हैं। बाबा के आशीर्वाद से ही उन्हें राज्य का मुख्य सेवक बनने का मौका मिला। श्रावणी मेला में कांवर यात्रा के दौरान महसूस किया है कि इसमें जात-पात, ऊंच-नीच का कोई भेदभाव नहीं रहता। सामाजिक एकता दिखायी पड़ती है।
झारखंड में बनेगा आध्यात्मिक सर्किट : सीएम ने कहा कि देवघर देश में हीं नहीं, अपितु विश्वस्तर पर प्रसिद्ध है। यहां सुल्तानगंज से 105 किमी दूर बैद्यनाथ धाम तक कांवरिया भक्तों का जत्था चलता है। 105 किमी की यह यात्रा दुनिया की सबसे लंबी आध्यात्मिक यात्रा है। उन्होंने कहा कि पवित्र नगरी बैद्यनाथ धाम के अगल-बगल में तपोवन, त्रिकूट, नौलखा मंदिर और बासुकीनाथ धाम आदि आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र हैं। झारखंड सरकार इस क्षेत्र को आध्यात्मिक एवं पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित कर आध्यात्मिक सर्किट बनायेगी। उन्होंने श्रद्धालुओं की सेवा में एक माह तक कठिन परिश्रम करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों को शुभकामनाएं दीं।
61 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास : सीएम ने इस अवसर पर देवघर नगर निगम के तीन, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के दो, राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम की एक, पथ निर्माण विभाग की एक, जिला परिषद की एक तथा ग्रामीण अभियंत्रण संगठन की दो योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। सभी योजनाओं की कुल प्राक्कलित राशि 61 करोड़ 24 लाख 99 हजार रुपये है।
राज्य की सुख-समृद्धि एवं शांति की कामना की सीएम ने : इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने देवघर श्रावणी मेला 2017 के शुभारंभ के अवसर पर द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ की पूजा अर्चना की तथा राज्य के लिए सुख-समृद्धि एवं शांति की कामना की। ‘घरे बिराजे गौरा साथ बाबा भोला नाथ गीत’ के गायक कन्हैया खवारे ने कार्यक्रम की शुरुआत की। मंत्री सीपी सिंह, राज पलिवार एवं रणधीर सिंह ने भी सीएम के साथ बाबा बैद्यनाथ की पूजा अर्चना की ।
कोई परेशानी हो, तो फेसबुक पर जानकारी दें श्रद्धालु
मुख्यमंत्री ने कहा है कि देवघर में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई हो, तो वे फेसबुक के माध्यम से मुझे सूचित करें, तुरंत निराकरण होगा। उन्होंने कहा कि भक्तों की श्रद्धा और विश्वास में हमारी पूर्ण आस्था है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु की पूजा की जाती है और गुरु ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश के समान होते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री के रूप में एक युग पुरुष का अवतरण हुआ है, जिनके द्वारा भारत को पुन: विश्व गुरु के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।