रांची: झारखंड की रघुवर सरकार 22 सितंबर को 1000 दिन पूरे कर रही है। इस मौके को सरकार और भाजपा ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जायेगी। 14 साल बनाम एक हजार दिनों की उपलब्धियां क्या हैं, इसे बताया जायेगा। इसे लेकर सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। उधर सत्ताधारी पार्टी भाजपा भी इसे लेकर रणनीतियां बनाने में जुट गयी है। इस मौके पर राज्य से लेकर प्रखंड स्तर पर कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी हो रही है।
दरअसल, राज्य गठन के 14 साल बाद झारखंड में पहली बार 28 दिसंबर 2015 को मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। इसके बाद के ढाई साल में झारखंड को नयी पहचान मिली। देश के मानचित्र पर उभरते हुए झारखंड को लोगों ने नयी नजरों से देखा। इसे बदलता झारखंड बताया, जो तमाम झंझावातों के बीच विकास की अंगड़ाई ले रहा था। लोग आज झारखंड को आगे बढ़ता हुआ देख रहे हैं। एक ऐसा राज्य, जो दूसरों के लिए उदाहरण पेश कर रहा है। निवेश की संभावनाएं तलाश रहा है। कुपोषण और गरीबी दूर करने के लिए संकल्पित है। इन सबके बीच ढेरों ऐसी उपलब्धियां हैं, जिनकी तस्वीर जनता के बीच पेश की जायेगी।

विशाल रैली से होगा मिशन 2019 का आगाज
इसके साथ ही भाजपा की निगाहें 2019 में होनेवाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर भी हैं। इसे लेकर भाजपा की पिछली कई बैठकों में चर्चा होती रही है। अब पार्टी इसे लेकर लोगों के बीच उतरने की तैयारी में है। रणनीति बनी है कि इस साल राज्य स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर 15 नवंबर को विशाल रैली होगी। इसके जरिये मिशन 2019 का शंखनाद किया जायेगा। इसके लिए कार्यकर्ताओं को तैयारी में जुटने का निर्देश जारी कर दिया गया है।

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