राज्यसभा के सभापति को इस्तीफा देने के बाद संसद से बाहर निकलने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, इस देश के करोड़ों दलितों, शोषित, पिछड़ों, मजदूरों, किसानों, मुस्लिमों के हित को देखकर और जो सहारनपुर में दलितों के साथ उत्पीड़न हुआ है। उसके चलते मैं अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं। उन्होंने कहा कि जब मैं अपने समाज की बात सदन में नहीं रख सकती हूं तो मैं सदस्य बनकर क्या करूंगी।

मायावती ने कहा कि मैं जैसे ही सदन में कुछ कहने के लिए खड़ी हुई तो सारे मंत्री खड़े हो गए और मुझे बोलने नहीं दिया। सत्ता पक्ष मुझे अपना पक्ष नहीं रखने नहीं दिया इसलिए मैं इस्तीफा दे रही हूं। उन्होंने कहा कि मैंने डिटेल में इस्तीफा सभापति को भेज दिया है।

बसपा सुप्रीम ने बताया कि यूपीए और अन्य विपक्ष के नेताओं ने उनसे निवेदन किया कि वह अपने पद से इस्तीफा ना दे क्योंकि वह मजबूती से अपनी आवाज उठाती हैं। अगर वह इस्तीफा देंगी तो दलितों की आवाज कौन उठाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष का इस बात के लिए धन्यवाद।

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