कार्यबल को जवाबदेह बनाने के लिए मोदी सरकार की ‘काम करके दिखाओ या भुगतो’ नीति के तहत कार्मिक मंत्रालय ने 381 अधिकारियों को दंडित किया है। यह जानकारी सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने खराब प्रदर्शन करने वालों और कथित रूप से अवैध गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 24 अधिकारियों समेत सिविल सेवा के 381 अधिकारियों के खिलाफ समयपूर्व सेवानिवृत्ति और पारिश्रमिक में कटौती जैसी कार्रवाई की है।

विभाग ने ‘थ्री इयर्स ऑफ सस्टेन्ड एचआर इनीशिएटिव्स: फाउंडेशन फॉर ए न्यू इंडिया’ नाम की पुस्तिका में इन उपायों को रेखांकित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रेजेंटेशन में भी इस बाबत जानकारी दी गई। पुस्तिका में कहा गया, ‘नौकरशाही में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सत्यनिष्ठा और प्रदर्शन को आधार स्तंभ बनाया है जिस पर सुशासन निर्भर करता है।’

प्रदर्शन करके दिखाओ या फिर बाहर जाओ

इसमें बताया गया है कि विदेशों में पदस्थापना वाले उन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई है, जो तय कार्यकाल से अधिक समय तक वहीं बने हुए हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘ये कठोर उपाय नौकरशाही में जवाबदेही और अनुशासन की भावना उत्पन्न करने के लिए काफी हद तक सफल रहे हैं और इसके जरिए कर्मचारियों तक संदेश भी पहुंचा है कि या तो प्रदर्शन करके दिखाओ या फिर बाहर जाओ। प्रदर्शन करने वाले कार्यबल पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।’

ग्रुप ए के 11,828 अधिकारियों के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई

इसमें बताया गया है कि आईएएस, आईपीएस तथा आईएफओएस जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के 2,953 अधिकारियों समेत ग्रुप ए के 11,828 अधिकारियों के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई।भ्रष्टाचारी और अवांछित अधिकारियों को दूर करने के लिए ग्रुप बी के 19,714 अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड भी देखे गए। प्रधानमंत्री के समक्ष प्रेजेंटेशन में कार्मिक मंत्रालय ने बताया कि 381 नौकरशाहों के खिलाफ कार्रवाई की गई। एक आईएएस अधिकारी और दो आईपीएस अधिकारियों समेत ग्रुप ए के कुल 25 अधिकारियों तथा ग्रुप बी के 99 अधिकारियों को सरकार ने समय पूर्व सेवानिवृत्ति दी।

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