पटना : महागठबंध की सरकार से अगल होकर भाजपा के साथ मिल कर NAD सरकारी की गठन के बाद फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने सोमवार पर पहली बार मीडिया को संबोधित किया। करीब घंटे भर के संबोधन में नीतीश ने लालू यादव पर जमकर हमला किया। इस दौरान नीतीश ने सभी मुद्दों पर बयान दिया और अपना पक्ष रखने के साथ-साथ यह भी बताया कि उन्होंने महागठबंधन से अगल होने का फैसला क्यों किया।
मीडिया को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि लालू परिवार पर भ्रष्टाच लगने के बाद उन्होंने तेजस्वी को सिर्फ अपनी संपत्ति को लेकर सफाई देने की बात कही थी, जबकि समाज में तेजस्वी के इस्तीफे की खबर जोर पकड़ रही थी, लेकिन लालू और तेजस्वी ने सफाई देना भी ठिक नहीं समझा, लेकिन मैंने तय कर लिया था कि मैं कभी भी भ्रटाचार से समझौता नहीं करूंगा, इस लिए मैंने अपना इस्तीफा दे दिया।
भाजपा के साथ नई सरकार बनाने को लेकर नीतीश ने कहा कि ये सब पहले से तय नहीं था, सभी घटनाए एका-एक हुई। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने महागठबंधन सरकार चलाने की पूरी कोशिश की, लेकिन नहीं चल पाई, उन्होंने कहा कि उनके पास गठबंधन तोड़ने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प ही नहीं बचा था। नीतीश ने कहा कि आरजेडी की बयानबाजी के कारण ही ऐसा हुआ है।
छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले नीतीश ने कहा कि लालू यादव ने कुछ भी साफ नहीं किया, लालू तेजस्वी यादव पर कुछ नहीं बोले, नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ने को बिहार की जनता के हित में लिया गया फैसला करार दिया है। लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि छापेमारी के बाद मैंने कई बार लालू यादव से बात की, सीबीआई की रेड पर लालू यादव ने बीजेपी को नया पार्टनर मिलने की बात कहते हुए शुक्रिया कहा, जिसका बहुत गलत संदेश गया।
नीतीश कुमार ने कहा कि कैबिनेट मीटिंग के बाद तेजस्वी यादव उनसे मिले, इस दौरान ”तेजस्वी ने मुझसे पूछा कि आप ही बता दें कि क्या सफाई दूं, मैंने उनसे तथ्यों के साथ सफाई देने को कहा, लेकिन ऐसा लगा कि उनके पास सफाई देने के लिए कुछ नहीं था, वो स्पष्टीकरण देने की स्थिति में ही नहीं थे।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर जो सफाई दे रहे हैं, वो जनता को संतुष्ट नहीं कर पाई, तेजस्वी ने कहा कि भ्रष्टाचार का ये मामला तब का है जब वो नाबालिग थे। नीतीश ने कहा कि ये तर्क उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को समझा सकता है, लेकिन आम जनता को नहीं।
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने बताया कि जब मुझे ऐसा लगा इनके पास सफाई देने के लिए कुछ नहीं है और लालू यादव भी कुछ साफ-साफ नहीं कह रहे हैं, इसके बाद मैंने तय किया कि मैं ये गठबंधन सरकार नहीं चला सकता और हमारी पार्टी के विधायकों ने भी मेरा समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने से पहले मैंने लालू यादव और सीपी जोशी से बात की, इस्तीफे के बाद बीजेपी शीर्ष नेतृत्व हमसे बात की और बिना सर्त सरकार चलाने के लिए समर्थन देने का भरोशा दिया, जिसके बाद हमने यह फैसला लिया।
लालू के भ्रष्टार से खफा हुए नीतीश ने कहा कि वो सेकुलरिज्म का गलत इस्तेमाल करते है, वो जन नेता नही जाति नेता है। नीतीश ने कहा कि हम पहल भी भाजपा के साथ NDA की सरकार चला चुके हैं और हमने अल्पसंख्यकों के लिए काफी काम किया है, हमें सेकुलरिज्म का सर्टिफिकेट किसी से नहीं चाहिए।