विधानसभा में रघुवर दास और हेमंत सोरेन के बीच आरोप-प्रत्यारोप
जिसने झारखंड को लूटा वह हमें नैतिकता का पाठ पढ़ा रहा है
हमारे नाम से बीस बाइ चालीस का एक घर है, और कोई हो, तो बताओ : रघुवर
हेमंत सोरेन ने सबसे ज्यादा सीएनटी-एसपीटी का उल्लंघन किया: रघुवर
हेमंत सोरेन ने एक दिन में छह-छह रजिस्ट्री करवायी: रघुवर
हमारी जमीन, हम ही लूटेंगे, आप जैसे लोगों ने लूटी है जमीन: हेमंत
आपके ही बाप-दादा बाहर से आकर जमीन लूट रहे हैं: हेमंत
राज्य को बर्बाद करके जायेंगे रघुवर दास: हेमंत सोरेन
शनिवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री रघुवर दास और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के बीच आरोप-प्रत्यारोप की गठरी खुल गयी। मुख्यमंत्री ने जहां तथ्यों के साथ हेमंत सोरेन को कठघरे में खड़ा किया, वहीं हेमंत सोरेन ने शब्दों के जाल में मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की। दोनों के शब्द वाणों से विधानसभा गूंज उठी।
विधानसभा सत्र के अंतिम दिन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के बीच जम कर आरोप-प्रत्यारोप के वाण चले। रघुवर दास और हेमंत सोरेन दोनों ने ही एक दूसरे को कठघरे में खड़ा करने की भरपूर कोशिश की। विधानसभा में बहस के दौरान जिस तरह से दोनों ने एक-दूृसरे को लपेटा, ऐसा आज तक नहीं हुआ था। दोनों ही आज विशेष मुद्रा में थे और दोनों ने ही एक-दूसरे के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी।
पिछले कई सत्र से हर दिन सदन के बाधित होने के कारण मुख्यमंत्री रघुवर दास मर्माहत थे। जनहित के सवाल नहीं आने का दर्द उनके चेहरे पर झलक रहा था। वह बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा-अध्यक्ष महोदय, पिछले दो बार से विधानसभा का प्रश्नकाल, अल्पसूचित और शून्यकाल विपक्ष के द्वारा लगातार बाधित किया जा रहा है। यहां जनता के सवालों की हत्या कर दी जा रही है। जनहित से जुड़े मामले पर बहस नहीं हो पा रही है। यह झारखंड और यहां की जनता के साथ सरासर नाइंसाफी है। अगर बहस नहीं होगी, तो समाधान कहां से निकलेगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सदन में विपक्ष माननीय लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण दे रहा है। वह शलीनता का पाठ पढ़ा रहा है। अध्यक्ष महोदय, मैं कहना चाहता हूं कि जिसने झारखंड को सबसे ज्यादा लूटा, झारखंड को बेचा। सीएनटी-एसपीटी का सबसे ज्यादा उल्लंघन किया, वह आज उपदेश दे रहा है।
हेमंत सोरेन ने एक दिन में छह-छह रजिस्ट्री करवायी। झारखंड के तमाम बड़े शहरों में करोड़ों का बड़ा-बड़ा भूखंड कौड़ियों के मोल खरीदा, वह हमें शालीनता का पाठ पढ़ा है। वह आदिवासियों का सबसे बड़ा शोषक है। आदिवासियों की जमीन उसने कौड़ियों के भाव हड़पी है। दुमका, धनबाद, बोकारो, रांची और न जाने और कहां-कहां जो अरबों की संपत्ति हड़प कर बैठा है, वह नैतिकता का पाठ पढ़ा रहा है। अध्यक्ष महोदय, मैं चुनौती देता हूं कि लंबे समय से राजनीति में हूं। हमारे पास बीस बाइ चालीस का एक घर है। इससे ज्यादा जमीन-मकान कोई हमारे नाम से निकाल दे, तो समझ जायेंगे।
जिस समय मुख्यमंत्री रघुवर दास नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को आरोपों के घेरे में लपेट रहे थे, उसी समय हेमंत सोरेन भी तमतमाते हुए उठे और कहा कि हमारी ही जमीन और हम ही लूटेंगे। उन्होंने फिर दोहराया-हमारी ही जमीन और हम ही लूटेंगे। इसके बाद हेमंत सोरेन आपे से बाहर हो गये। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा- जिसका बाप दादा बाहर से आकर लूट रहा है, वह न बताये। उन्होंने कहा कि सीएम रघुवर दास राज्य को बर्बाद करके जायेंगे। गजनी ने जिस तरह दूसरे देश से आकर भारत को लूटा था, उसी तरह ये लूट कर जायेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गलत निर्णय ले रहे हैं और सदन चुपचाप देख रहा है। दोनों के बीच जब बहस हो रही थी, तो विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव शांत कराने की कोशिश कर रहे थे। दोनों ही पक्ष के विधायक रह-रह कर शेम-शेम के नारे लगा रहे थे।
कुल मिला कर सत्र के अंतिम दिन सदन में जो कुछ देखने को मिला, उससे साफ हो गया कि यहां विपक्ष जनहित के सवाल पर बहस करना नहीं चाहता। पिछले सत्र में भी जब भूमि अधिग्रहण बिल सदन में पेश हुआ था, विपक्ष ने बहस नहीं की थी। वह वाक आउट कर गया था और अब जब उस पर राष्टपति मुहर लगा चुके हैं और वह कानून बन गया है, तब विपक्ष चाहता है कि उस पर बहस हो। अब यह सं•ाव ही नहीं है कि उस पर विधानसभा में बहस हो।विधानसभा के अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव इसी बात को लेकर बार-बार विपक्ष को याद दिला रहे थे और विपक्ष था कि भूमि अधिग्रहण बिल के सिवा किसी पर बोलना ही नहीं चाहता। इसी को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सदन में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन पर जम कर भड़ास निकाली। उनके जवाब में भी हेमंत सोरेन नेभी उन्हें लपेटने की कोशिश की। दोनों के बीच सदन में जो कुछ हुआ, उसे आप भी सुनिये: