रांची। मिशन 2019 को लेकर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व संगठन में भारी फेरबदल कर सकता है। यह तय माना जा रहा है कि बहुत जल्द सांसद और विधायक को पार्टी पधाधिकारी के पद से मुक्त किया जायेगा। 11 जुलाई को अपने एक दिवसीय रांची प्रवास के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यह संकेत दिया था। यही वजह है कि राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर उनके प्रवास के दिन ही प्रभारी की घोषणा कर दी गयी थी। अमित शाह मिशन 2019 को लेकर एक रणनीति के तहत देश के सभी राज्यों का दौरा कर रहे हैं और संगठन में जमीनी कार्यकर्ताओं को जगह दे रहे हैं।
एक व्यक्ति एक पद पर भी संगठन काम कर रहा है। इसका अर्थ है कि जो सांसद या विधायक हैं, उन्हें पार्टी के पद से मुक्त किया जायेगा। हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी होगा। जानकारी के अनुसार भाजपा के कई ऐसे सांसद और विधायक जो पार्टी के बड़े पद पर हैं, उनकी बहुत जल्द छुट्टी होनेवाली है। इनमें चतरा के सांसद सुनील सिंह, गढ़वा विधायक एसएन तिवारी, केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत, मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, सांसद रवींद्र राय, विधायक नवीन जयसवाल, राज्यसभा सांसद समीर उरांव, विधायक रामकुमार पाहन, विधायक बिरंची नारायण सहित कई अन्य शामिल हैं। गौरतलब है कि भाजपा के संविधान में एक व्यक्ति एक पद का नियम है। कई विधायक और सांसद पार्टी के बड़े पदों पर काबिज हैं। केंद्रीय नेतृत्व ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को प्रदेश पदाधिकारी के पद पर लाने के मूड में है और इसी के तहत यह फैसला लिया जायेगा। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर काबिज सांसद लक्ष्मण गिलुवा और प्रदेश महामंत्री के पद पर काबिज विधायक अनंत ओझा इस नियम के अपवाद होंगे।
लोकसभा प्रभारी बनाकर कई को टिकट की दावेदारी से अलग किया
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य की 14 लोकसभा सीटों के लिए प्रभारी की घोषणा की थी। इसमें कई ऐसे प्रभारी हैं, जो लोकसभा चुनाव के दावेदार हैं। लेकिन जिस तरह से प्रभारी की नियुक्ति की गयी है, उससे साफ है कि पार्टी नेतृत्व ने अभी से ही उनका पत्ता काट दिया है। लोकसभा के प्रभारियों की जो नियुक्ति हुई है, उसमें कम से कम सात नाम ऐसे हैं, जो चुनाव लड़ने की जुगत भिड़ा रहे थे। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नजर झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर है। हर हाल में सभी सीटों को जीतने का लक्ष्य पार्टी ने तय किया है। अपने प्रवास के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पूरा ध्यान सांगठनिक तैयारी को लेकर था। उन्होंने कम समय में सभी स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन का जायजा लिया। इसके बाद ही उन्होंने प्रभारी की घोषणा करवायी थी।